बाल-बाल बचे पड़ोस के 15 परिवार, शेष हिस्से के ध्वस्त होने की आशंका
मलवा हटा, जान-माल की हानि नहीं, शेष हिस्से के ढहने की आशंका
चक्रधरपुर। चक्रधरपुर के वार्ड नंबर 7 गुदड़ी बाजार से सटे पकौड़ी गली में 110 साल पुरानी दो मंजिला मकान का आगे का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया है जिससे बाल बाल बचे आसपास के घरों में रहने वाले लोग ।यह घटना शुक्रवार की रात 12:00 बजे की है। किसी का भी जान माल का नुकसान नहीं हुआ है। जानकारी के मुताबिक यह दो मंजिलाना मकान 1910 इसवी में नंद गोपाल जयसवाल नामक व्यक्ति के द्वारा निर्मित कराया गया था। जिसकी देखरेख स्वर्गीय बांकेलाल जयसवाल किया करते थे उनके जीवन में ही यह मकान जर्जर हो चला था। उनके देहांत के बाद मकान बंद पड़े पड़े काफी जर्जर हो गया और आज मकान का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया। जिसके मलबे को स्वर्गीय बांकेलाल के बेटे ललित कुमार जयसवाल द्वारा हटाया गया ।जर्जर मकान का बाकी का हिस्सा कभी भी ध्वस्त हो सकता है जो बहुत बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। वहीं अधूरी ध्वस्त मकान के आसपास खपड़ा पोश मकानों में रहने वाले करीब 15 परिवार डरे और सहमे हुए हैं कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए।
मलवा हटा, जान-माल की हानि नहीं, शेष हिस्से के ढहने की आशंका
चक्रधरपुर। चक्रधरपुर के वार्ड नंबर 7 गुदड़ी बाजार से सटे पकौड़ी गली में 110 साल पुरानी दो मंजिला मकान का आगे का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया है जिससे बाल बाल बचे आसपास के घरों में रहने वाले लोग ।यह घटना शुक्रवार की रात 12:00 बजे की है। किसी का भी जान माल का नुकसान नहीं हुआ है। जानकारी के मुताबिक यह दो मंजिलाना मकान 1910 इसवी में नंद गोपाल जयसवाल नामक व्यक्ति के द्वारा निर्मित कराया गया था। जिसकी देखरेख स्वर्गीय बांकेलाल जयसवाल किया करते थे उनके जीवन में ही यह मकान जर्जर हो चला था। उनके देहांत के बाद मकान बंद पड़े पड़े काफी जर्जर हो गया और आज मकान का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया। जिसके मलबे को स्वर्गीय बांकेलाल के बेटे ललित कुमार जयसवाल द्वारा हटाया गया ।जर्जर मकान का बाकी का हिस्सा कभी भी ध्वस्त हो सकता है जो बहुत बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। वहीं अधूरी ध्वस्त मकान के आसपास खपड़ा पोश मकानों में रहने वाले करीब 15 परिवार डरे और सहमे हुए हैं कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए।
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