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सोमवार, 15 जुलाई 2019

स्वच्छ और निष्पक्ष तरीके से विधि व्यवस्था का संधारण करेगी पुलिसः इंद्रजीत महथा


मानकी-मुंडा के साथ जारी रहेगी बैठक, होता रहेगा संवाद


विनय मिश्र 
चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिले के पुलिस अधीक्षक  इंद्रजीत माहथा के योगदान देने के पश्चात से इस जिला में बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था अब दिखाई देने लगी है  23 जून से पदभार ग्रहण करते ही पुलिस और आम लोगों के बीच बेहतर संबंध बनाने के साथ साथ पुलिस  काफी सक्रिय और मुस्तैद दिखाई देने लगी आज इसी क्रम में एस पी ने संदेश जारी कर साइबरक्राइम, जिले की विधि व्यवस्था संधारण, मानकी मुंडा के साथ बातचीत और डायन बिसाही जैसे मुद्दों पर पुलिस के रुख को जनता के सामने रखा है ।विभिन्न सामाजिक मुद्दों को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाने की बात भी पुलिस अधीक्षक ने कही है।


साइबर क्राइम को नियंत्रित करने के लिए स्कूल और कॉलेजों में भी चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

जिले के पुलिस अधीक्षक  इंद्रजीत माहथा ने एक संदेश जारी कर कहा कि पश्चिमी सिंहभूम में साइबर क्राइम से निपटने के लिए पदाधिकारियों को लगातार प्रशिक्षण में भेजा जा रहा है। साइबर क्राइम से निपटने के संदर्भ में योजना यह है कि जिले में एक साइबर सेल खोला गया है जिसमें साइबर क्राइम से संबंधित अपराधों के अनुसंधान को गति दी जाती है। यहां पर पुलिस अधीक्षक के रूप में मेरे नियंत्रण में तकनीकी कोषांग भी गठित है जो कि साइबर से संबंधित अपराधों के अनुसंधान में मदद करता है। 
पुलिस अधीक्षक ने संदेश में जनता से अपील की कि अपने बैंक खाता संबंधी किसी भी प्रकार की कोई जानकारी टेलीफोन के माध्यम से साझा ना करें या किसी भी लोभ में पड़ कर आप किसी को अपने डॉक्यूमेंट संबंधी जानकारी या एटीएम संबंधी जानकारी ना दें। जानकारी को गोपनीय रखें। यदि आपको जरूरत पड़ती है तो बैंक में जाकर स्वयं बैंक मैनेजर से बात कर लें। यदि आपके पास कॉल आता है तो 100 नंबर पर डायल करके इसकी जानकारी दें जिससे पुलिस नंबर की जांच पड़ताल करके तत्काल कार्रवाई कर सके। यदि आपका पैसा गलत तरीके से आपके खाते से निकाल लिया गया है तो आप उसकी तत्काल सूचना दें और अपने अकाउंट को ब्लॉक करा दें ताकि उससे किसी भी प्रकार आगे की निकासी ना हो।
पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि पुलिस के द्वारा इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए जायेंगे। हम लोगों की कोशिश होगी कि साइबर संबंधी अपराध से निपटने के लिए स्कूलों में, स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ या अन्य स्टेकहोल्डर्स समाज के साथ बैठकर और कॉलेज के युवाओं के साथ संवाद करके साइबर कानून के संदर्भ में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाई जाए जिससे अपराध को नियंत्रित किया जा सके।

"डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम को कड़ाई से लागू करें"- पुलिस अधीक्षक।

चाईबासा जिला अंतर्गत सभी थाना प्रभारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया गया है कि डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम को कड़ाई से लागू करें। किसी भी व्यक्ति या किसी भी महिला के साथ यदि डायन के नाम पर कोई हिंसा होती है तो इसका प्रतिकार किया जाए। उस हिंसा को तुरंत डॉक्युमेंटेड करके तुरंत कार्रवाई की जाए ताकि यह एक बड़ी घटना में तब्दील ना हो। चूंकि छोटी-छोटी घटनाएं ही होती हैं जिसमे स्थानीय चौकीदार या स्थानीय जनप्रतिनिधियों का यदि सहयोग लिया जाए या फिर स्थानीय मानकी मुंडा का सहयोग लिया जाए तो इस तरह की आसूचना समय रहते प्राप्त की जा सकती है।हम लोगों का बल यह होगा कि सामान्य विवाद के कारण जो आसूचनाएं होती हैं वे सूचना पुलिस तक समय रहते पहुंचें ताकि उस पर कार्रवाई कर सके और प्रतिरोधात्मक कार्रवाई करते हुए हत्या जैसी किसी घटना को रोका जा सकता है।
पुलिस लगातार इस पर जागरूकता अभियान भी चलाएगी। डालसा के तहत भी जागरूकता शिविर चलाया जाता है। वैसे गांवों को चिन्हित करके डालसा के सचिव से भी अनुरोध करेंगे कि उन गांवों में जहां इस तरह की घटनाएं हुई हैं वहां पर जागरूकता अभियान चलाया जाए।

पुलिस पारदर्शी तरीके से स्वच्छ मानसिकता के साथ, अच्छी नीयत के साथ मेहनत करते हुए जिले में विधि व्यवस्था को संधारित करेगी।

जिले की विधि व्यवस्था के संदर्भ में सभी थाना प्रभारी , सभी अंचल पुलिस निरीक्षक और सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के साथ एक वृहत बैठक की गई। इस बैठक में जिले की विधि-व्यवस्था की समीक्षा की गई। जिले में मुख्यतः सामाजिक अपराध का स्वरूप ज्यादा बड़ा है। जैसे कि आपसी जमीन विवाद को लेकर या आपसी विवादों को लेकर हत्या की घटनाओं का हो जाना, या किसी तरह की मारपीट हो जाना। इसके लिए सभी थाना प्रभारियों को यह निर्देशित किया है कि इस तरह की जो भी घटनाएं होती हैं उन पर त्वरित अनुसंधान किया जाए। उनको सजा दिलाने का प्रयास किया जाए। साथ ही साथ ऐसे गांवों को भी चयन कर लें जहां पर चाहे सामाजिक अपराध जैसे हत्या की घटना हुई हो, या फिर दहेज हत्या की घटना हुई हो, वहां पर ग्रामीणों के साथ बैठक करके जागरूकता अभियान भी चलाने की जरूरत है। कुछ हत्या की घटनाएं डायन बिसाही के रूप में भी सामने आई हैं। इस संदर्भ में पिछले 5 सालों में जितनी भी घटनाएं डायन बिसाही के संदर्भित रूप में हुई हैं उन सभी गांवों को चयन करके महिला एवं बाल विकास विभाग को साथ लेकर पुलिस एक जागरूकता अभियान उन गांवों के साथ-साथ अगल-बगल के गांवों में भी चलाएगी।

माॅब हिंसा या भीड़ के द्वारा हिंसा के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला के अंतर्गत बताया गया कि भीड़ के द्वारा की जाने वाली पिटाई को रोकने के लिए किस प्रकार से स्थानीय स्तर पर नागरिकों को जागरूक करना है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को साथ लेना है और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर जागरूकता को फैलाना है अफवाह में या शक के आधार पर किसी भी व्यक्ति की पिटाई ना हो। पुलिस अनुसंधान के तहत उसको सजा दिलाने का अपना काम करेगी। किसी भी प्रकार से भीड़ कानून को अपने हाथ में ना लें अन्यथा हत्या का मुकदमा दर्ज करके उनको भी अभियोजित किया जाएगा।

सामान्य विधि व्यवस्था के संधारण के संबंध में बैठक और परिचर्चा की गई। इसकी नियमित अंतराल में लगातार समीक्षा की जाएगी। प्रत्येक माह अपराध गोष्ठी का गठन करके इस पर कार्य किया जाएगा।

जो अवैध कारोबार हैं उनको स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी तरह के अवैध धंधों को पूर्णत: समाप्त किया जाएगा। चाहे लॉटरी का अवैध धंधा हो, तेल कटिंग का धंधा हो, किसी भी तरह का जुआ या हाट बाजार में होने वाला हब्बा डब्बा हो उसमें पुलिस द्वारा कड़ा रुख अख्तियार किया जाएगा। पुलिस पहले ही किसी भी प्रकार की आसूचना मिलने पर कार्रवाई करेगी और हाट-बाजार के संचालकों को भी पहले से ही बातचीत करके यह निर्देशित करेगी कि इस तरह की कोई घटना या अवैध काम हो ही नहीं।

डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स को लेकर भी लगातार नियमित बैठक होती हैं। उसमें भी विधि व्यवस्था से संबंधित जो भी बात सामने आएगी उसका लगातार बैठक करके निदान करेंगे। जो अवैध धंधे हैं, हर हालत में उस पर निगरानी रहेगी और किसी भी हालत में किसी तरह के अवैध काम को नहीं होने दिया जाएगा। पुलिस पारदर्शी तरीके से और स्वच्छ मानसिकता के साथ, अच्छी नीयत के साथ मेहनत करते हुए जिले में विधि व्यवस्था को संधारित करेगी।

पश्चिमी सिंहभूम जिले के सभी मानकी मुंडाओं के साथ पुलिस अधीक्षक के रूप में मेरी वार्ता हुई। इस क्रम में पुलिस अधीक्षक का मोबाइल नंबर सभी मानकी मुंडा को वितरित किया गया। लगभग 800- 1000 मानकी मुंडा उपस्थित थे म। मानकी मुंडा एक सम्मानित व्यवस्था के अंग हैं और पुलिस भी उस व्यवस्था का सम्मान करती है। जिले के मानकी-मुंडा को पुलिस विभाग की तरफ से और सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से संयुक्त हस्ताक्षर वाला परिचय पत्र दिया जाएगा। पश्चिमी सिंहभूम उपायुक्त के साथ वार्ता हुई, 15 से 20 दिनों में एक परिचय पत्र दिया जाएगा। 

स्थानीय स्तर पर चाहे वह डायन बिसाही के संदर्भ में जागरूकता अभियान चलाने को लेकर हो या फिर ग्रामीण क्षेत्रों में भीड़ के द्वारा की जाने वाली हिंसा को रोकने के संदर्भ में हो स्थानीय थाना प्रभारी या स्थानीय सिविल प्रशासन के जो पदाधिकारी हैं वह मानकी मुंडा के साथ बैठक करेंगे और इस चीज में पुलिस प्रशासन का सहयोग करेंगे। यह आश्वासन भी उनके द्वारा दिया गया है। यह बहुत ही फलदायी बैठक रही और हम लोग लगातार अंतराल में उपायुक्त के नेतृत्व में इस तरह की बैठक करेंगे। एक सकारात्मक और भय मुक्त समाज बनाने में पुलिस का मानकी मुंडा के साथ संवाद होता रहेगा।

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