झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक अधिकारी-कर्मचारी संघ का संयुक्त
स्थापना सम्मेलन
रांची। गरीबी के लिए पूंजीवादी व्यवस्था तक जिम्मेवार है।
गरीबी के कारण देश का समावेशी विकास नहीं हो पा रहा है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
काफी हद तक गरीबों, किसानों और कामकाजी
लोगों को संस्थागत स्रोतों से कर्ज दिलाने की दिशा में प्रयासरत हैं। ग्रामीण
विकास में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की भूमिका काफी अहम है। उक्त बातें झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक अधिकारी-कर्मचारी
संघ के संयुक्त स्थापना सम्मेलन में नेशनल
फेडरेशन ऑफ आआरबीई के महासचिव शिवकरण द्विवेदी ने कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण
बैंकों का प्रबंधन सरकार द्वारा अनुमोदित भर्ती नियमों के विपरीत सभी श्रमिक नियमों को ताक पर रखकर अत्यंत कम भुगतान
पर दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियुक्त कर रहा है। बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के
पदों पर पिछले आठ वर्षो से नई बहाली नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण
बैंकों में स्थायी नियुक्ति की जानी चाहिए। ऑल इंडिया रिजनल रूरल बैंक इंप्लायज
एसोसिएशन की ऑफिसर्स विंग के अध्यक्ष सगुण शुक्ला ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था
को मजबूत करने में ग्रामीण बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। पूरे देश में लगभग 23 हजार शाखाओं में 95 हजार से अधिक कर्मियों के साथ 45 ग्रामीण बैंक कार्यरत हैं। सभी ग्रामीण बैंकों
में भारत सरकार की भागीदारी 50 प्रतिशत, राज्य सरकार की 15 प्रतिशत और
प्रायोजक बैंकों की 35 प्रतिशत है। अधिकतर
ग्रामीण बैंक लाभ अर्जित कर रहे हैं। ग्रामीण बैंकों के कर्मियों की दशा व दिशा
सुधारने के लिए सरकार को समुचित प्रयास करने की आवश्यकता है। सम्मेलन में गांव, गरीब व किसानों के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक
की स्थापना करने की मांग की गई।
सम्मेलन में स्वागत भीषण करते हुए विनोबा भावे विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रो. रमेश शरण
ने कहा कि श्रमिकों को सुविधाएं मुहैया कराने से आर्थिक विकास में यह मददगार साबित
होगा। पूंजीवादी व्यवस्था तभी चलेगी और श्रमिक हित का संरक्षण तभी संभव होगा।
सम्मेलन के माध्यम से भारतीय राष्ट्रीय
ग्रामीण बैंक की स्थापना करने, 11 वां द्विपक्षीय
समझौता लागू करने, रिक्त पदों पर
नियुक्ति, समान काम के लिए समान वेतन लागू करने की मांग की
गई। इस अवसर पर काफी संख्या में झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के अधिकारी व
कर्मचारीगण मौजूद थे। सम्मेलन के अंत में स्वागत समिति के सचिव ओम प्रकाश उपाध्याय
ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें