सीएम रघुवर दास ने देखा मन की बात कार्यक्रम, कहा--
★झारखण्ड से भी हुआ स्वतंत्रता के लिए शंखनाद
★जल संचयन और प्रबंधन जरूरी
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रांची। हूल दिवस पर प्रधानमंत्री ने वीर सिदो कान्हू, चांद भैरव और वीरांगना फूलो झानो तथा झारखण्ड उलगुलान के नायक धरती आबा भगवान बिरसा मुन्डा को मन की बात में याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के आंदोलन में झारखण्ड के वीर सपूतों का अमूल्य योगदान रहा है। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास में प्रधानमंत्री के मन की बात सुनने के बाद कहा कि अंग्रेजों के शोषण और गरीबी के खिलाफ शंखनाद इसी धरा से हुई। वीर सिदो कान्हू, चांद भैरव और वीरांगना फूलो झानो ने इस आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दी थी। मैं उनको शीश नवा कर नमन करता हूँ।
मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव सहित सभी श्रमदान करेंगे, जल संचयन के प्रति जागरूकता जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जल संचयन और प्रबंधन पर बल दिया। यह समय की मांग है। जल संचयन और प्रबंधन के लिए जागरूकता जरूरी है। 7 जुलाई से इस दिशा में अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, सचिव सभी लोग जल संचयन और प्रबंधन की दिशा में श्रमदान करेंगे। राज्य के लोगों को इस दिशा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। प्रधानमंत्री द्वारा देश के सभी मुखिया को लिखे गए पत्र ने अपना प्रभाव दिखना शुरू कर दिया है। हजारीबाग समेत राज्य के अन्य जिलों में जल प्रबंधन और संचयन हेतु कार्य आरंभ हो चुके हैं। यह शुभ संकेत है।
किसानों ने दिखाई अपनी क्षमता, सरकार ने किया सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े 4 साल में सरकार द्वारा जल प्रबंधन हेतु तालाबों की खुदाई और जीर्णोद्धार किया गया, जिसका भरपूर उपयोग राज्य के किसानों ने किया और अपनी आपार क्षमता का प्रदर्शन करते हुए 2014 की कृषि विकास दर -4% को बढ़ा कर +14% कर दिया।
★झारखण्ड से भी हुआ स्वतंत्रता के लिए शंखनाद
★जल संचयन और प्रबंधन जरूरी
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रांची। हूल दिवस पर प्रधानमंत्री ने वीर सिदो कान्हू, चांद भैरव और वीरांगना फूलो झानो तथा झारखण्ड उलगुलान के नायक धरती आबा भगवान बिरसा मुन्डा को मन की बात में याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के आंदोलन में झारखण्ड के वीर सपूतों का अमूल्य योगदान रहा है। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास में प्रधानमंत्री के मन की बात सुनने के बाद कहा कि अंग्रेजों के शोषण और गरीबी के खिलाफ शंखनाद इसी धरा से हुई। वीर सिदो कान्हू, चांद भैरव और वीरांगना फूलो झानो ने इस आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दी थी। मैं उनको शीश नवा कर नमन करता हूँ।
मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव सहित सभी श्रमदान करेंगे, जल संचयन के प्रति जागरूकता जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जल संचयन और प्रबंधन पर बल दिया। यह समय की मांग है। जल संचयन और प्रबंधन के लिए जागरूकता जरूरी है। 7 जुलाई से इस दिशा में अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, सचिव सभी लोग जल संचयन और प्रबंधन की दिशा में श्रमदान करेंगे। राज्य के लोगों को इस दिशा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। प्रधानमंत्री द्वारा देश के सभी मुखिया को लिखे गए पत्र ने अपना प्रभाव दिखना शुरू कर दिया है। हजारीबाग समेत राज्य के अन्य जिलों में जल प्रबंधन और संचयन हेतु कार्य आरंभ हो चुके हैं। यह शुभ संकेत है।
किसानों ने दिखाई अपनी क्षमता, सरकार ने किया सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े 4 साल में सरकार द्वारा जल प्रबंधन हेतु तालाबों की खुदाई और जीर्णोद्धार किया गया, जिसका भरपूर उपयोग राज्य के किसानों ने किया और अपनी आपार क्षमता का प्रदर्शन करते हुए 2014 की कृषि विकास दर -4% को बढ़ा कर +14% कर दिया।
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