अन्य 392 लोगों का पुनर्वास भी तय समय सीमा के अंदर सुनिश्चित करें
रांची। झारखंडसरकार के मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी ने साहेबगंज मल्टीमॉडल टर्मिनल (गंगा नदी पर बंदरगाह) निर्माण के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए बन रहे फेज-1 के 25 आवासों को 31 जुलाई तक हर हाल में पूर्ण कर सौंपने का निर्देश आवास निर्माण विभाग को दिया है। वहीं पथ निर्माण विभाग को कॉलोनी तक पहुंच पथ 25 जुलाई तक निर्मित करने को कहा है। विद्युत विभाग को 25 जुलाई तक ट्रांसफार्मर देने तथा तीन माह के भीतर घरों में बिजली कनेक्शन देने का निर्देश दिया है। इस बीच तीन माह तक डीजी सेट के माध्यम से आवासों में बिजली देने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव साहेबगंज में 280. 9 करोड़ की लागत से निर्मित हो रहे मल्टीमॉडल टर्मिनल से प्रभावितों के पुनर्वास के लिए किये जा रहे काम को लेकर भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रवीर पांडे व सचिवों के साथ समीक्षा कर रहे थे।
कुल 460 परिवारों का होना है पुनर्वास
साहेबगंज मल्टीमॉडल टर्मिनल निर्माण से प्रभावित कुल 460 परिवारों का पुनर्वास किया जाना है। निर्माण स्थल पर रह रहे 25 परिवारों के लिए आवास लगभग बन चुके हैं। वहीं बाकी बचे प्रभावितों में से 392 परिवारों के लिए फेज-2 में प्रति घर छह लाख की लागत से आवास निर्माण की प्रक्रिया जारी है। मुख्य सचिव ने साहेबगंज के उपायुक्त से निर्मित होनेवाले आवासों में बुनियादी सुविधा बहाल करने का एस्टीमेट तबल किया है। वहीं भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण को बताया गया कि इंडस्ट्रियल सह लॉजिस्टिक पार्क बनाने के लिए उनकी मांग के अनुसार 367 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गई है। 15 जुलाई तक इसका विस्तृत ब्योरा उन्हें उपलब्ध करा दिया जाएगा। अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अनुसार टर्मिनल के बन जाने से देश के भीतर जल मार्ग से व्यापारिक गतिविधियां बढ़ने के साथ बंगलादेश को साहेबगंज से निर्यात का रास्ता भी खुल जाएगा। वहीं बताया गया कि यह बनारस में गंगा नदी पर बन रहे टर्मिनल से भी बड़ा होगा।
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