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बुधवार, 26 जून 2019

नौनिहालों को कुपोषण से मुक्त करने का लें संकल्पः रघुवर दास


15 दिनों के अंदर पूरे राज्य में रिक्त आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का पद भरें

आकांक्षी जिलों के आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल केंद्र में परिवर्तित करें

15 दिन के अंदर गर्भवती महिलाओं का निबंधन होना चाहिए


रांची। बच्चा देश, राज्य और परिवार का भविष्य होता है। अगर वही बच्चा कुपोषित होकर इस धरा पर आएगा तो, मानवता के लिए बड़ी शर्म की बात है। राज्य में कुपोषण की दर 45% है। यह चिंता का विषय है। सभी समाज कल्याण पदाधिकारी और CDPO कुपोषण को कम करने की दिशा कार्य करें। इस कार्य को मिशन मोड़ पर लें। कुपोषण से बचाव की जानकारी गरीब के घर- घर तक पहुंचाने का कार्य सुनिश्चित होना चाहिए। आदिवासी क्षेत्र में विशेष फोकस करें। अपने अपने क्षेत्र में कुपोषण का वर्त्तमान दर प्राप्त कर अगले 3 माह का लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें। ताकि आपके लक्षित कार्य का परिणाम सामने आ सके। जो पंचायत कुपोषण से मुक्त होगा उसे 1 लाख रुपये का ईनाम राज्य सरकार देगी। साथ ही जिला के समाज कल्याण पदाधिकारी और CDPO को भी पुरस्कृत किया जायेगा। अगर कार्य संस्कृति में बदलाव हुआ तो बदलाव सुनिश्चित है। ये बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने झारखण्ड मंत्रालय में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की योजनाओं के सफल कार्यान्वयन हेतु आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षात्मक बैठक में कही।

15 दिनों में गर्भवती बहनों का निबंधन करें
मुख्यमंत्री ने सभी जिला कल्याण पदाधिकारी और CDPO को निदेश दिया कि पूरे राज्य में रिक्त आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को ग्राम सभा की अनुमति के बाद बहाल करें। ताकि आंगनबाड़ी आ रहे बच्चों को पौष्टिक आहार समय पर मिल सके। यही 15 दिनों का समय गर्भवती महिलाओं के निबंधन के लिए आपको प्रदान किया जाता है, क्योंकि अगर गर्भवती महिलाओं का जब तक निबंधन नहीं होगा। तबतक उन्हें सरकार की योजना और गर्भावस्था और शिशु जन्म के बाद महिला को मिलने वाले पोषक आहार की जानकारी नहीं मिल पाएगी।

महिलाओं के समूह को दें कुपोषण से बचाव की जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि CDPO यह सुनिश्चित करें कि पोषण सखी सप्ताह में दो दिन गांव में महिलाओं के समूह को कुपोषण से बचाव की जानकारी दें। उन्हें यह जानकारी होनी चाहिए कि गांव में उपलब्ध कौन सी खाने की चीज कुपोषण से उनका और उनके बच्चे का बचाव कर सकती है। सरकार बचावकारी और उपचारकारी मॉडल पर कार्य करते हुए झारखण्ड को कुपोषण से मुक्त करना चाहती है।

आकांक्षी जिलों में बनाएं मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी आकांक्षी जिलों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र में परिवर्तित करें। इस निमित जिला के उपायुक्त को निदेश दे दिया गया है। बच्चों के इस संस्कार के मंदिर में बच्चों के भविष्य की नींव को मजबूती प्रदान करनी है। मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि राज्य के सभी समाज कल्याण पदाधिकारी और CDPO हर सप्ताह अपने प्रखंड और जिला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा करें। दौरा का प्रतिवेदन विभाग को भेजें।

विधवा बहनों को पेंशन और घर दिया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज कल्याण पदाधिकारी सभी विधवा बहनों को पेंशन देने की दिशा में तन्मयता से कार्य करें। जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर में इन्हें चिन्हित कर योजना का लाभ दें। उन्हें अंबेडकर योजना के तहत आवास भी दिया जाएगा।

राज्य को कुपोषण मुक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता-- सचिव
इस अवसर पर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव श्री अमिताभ कौशल ने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आने वाले 100 दिनों का एजेंडा तथा कार्य योजना का रोडमैप तैयार करना है. उन्होंने कहा कि राज्य में केंद्र प्रायोजित योजना Umbrella ICDS के अंतर्गत 6 प्रमुख योजनाओं का संचालन प्रमुखता से किया जाना है। केंद्र प्रायोजित योजना में 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं किशोर या किशोरियों को पोषण संबंधित सेवाएं, अनौपचारिक शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा एवं संरक्षण तथा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कराना सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के अंतर्गत पूरे राज्य में आने वाले 3 महीनों में 2 लाख 90 हजार 169 लाभुकों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 150 करोड़ की राशि आवंटित की गई। सितंबर 2019 तक शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित हो इसके लिए सभी जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों, कस्तूरबा विद्यालयों एवं कॉलेज में विशेष कैंप आयोजित किया जाएगा। जिला स्तर पर उपायुक्त, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं परियोजना स्तर पर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी इसका अनुश्रवण करेंगे। पीआरआई मेंबर्स के माध्यम से प्रचार प्रसार कर सुकन्या योजना को लोगों के घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। श्री अमिताभ कौशल ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, पोषण अभियान, बाल अधिकार एवं संरक्षण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इत्यादि योजनाओं के उद्देश्य, कार्य योजना एवं लक्ष्य प्राप्ति पर पूरा प्रकाश डाला।

किशोरियों का सशक्तीकरण करना सरकार की प्राथमिकता है--परियोजना निदेशक
इस अवसर पर पोषण मिशन के परियोजना निदेशक श्री डी के सक्सेना ने कहा कि रांची में महिला शक्ति केंद्र योजना की शुरुआत की गई है. इसके तहत् राज्य के 177 प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स का गठन हुआ है। प्रत्येक प्रखंड में 25-25 छात्र स्वयं सेवकों का चयन किया जाना है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर गुड्डा-गुड्डी बोर्ड की स्थापना की जा रही है. उन्होंने कहा कि 11 से 14 वर्ष तक की विद्यालय छोड़ चुकी किशोरियों का सशक्तीकरण और इनका विवरण रेपिड रिर्पोटिंग सिस्टम पर अपलोड किया जाएगा।

इस अवसर पर मंत्री महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग डॉ लुइस मरांडी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, सचिव, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा श्री अमिताभ कौशल, परियोजना निदेशक पोषण मिशन श्री डी के सक्सेना, निदेशक समाज कल्याण श्री मनोज कुमार व अन्य उपस्थित थे।

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