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शुक्रवार, 28 जून 2019

स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी और विस्तार के लिए सरकार प्रतिबद्धः रामचंद्र चंद्रवंशी


★ राज्य की सवा तीन करोड़ आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध

★ आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत राज्य के 36.65 लाख परिवारों का बन चुका गोल्डन कार्ड

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 नीति आयोग द्वारा जारी स्वस्थ राज्य प्रगतिशील भारत रिपोर्ट के दूसरे संस्करण में झारखंड, राजस्थान और हरियाणा को वार्षिक वृद्धिशील प्रदर्शन में अव्वल राज्य घोषित
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रांची। स्वास्थ्य, चिकित्सा और परिवार कल्याण मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और उसे बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के नेतृत्व में जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने की कोशिशें लगातार जारी है. पिछले साढ़े चार सालों में सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई योजनाएं लागू की हैं, जिसका फायदा राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को मिल रहा है. यही वजह है कि मंगलवार को नीति आयोग द्वारा जारी स्वस्थ राज्य प्रगतिशील भारत रिपोर्ट के दूसरे संस्करण में झारखंड, राजस्थान और हरियाणा को वार्षिक वृद्धिशील प्रदर्शन में अव्वल राज्य घोषित किया गया है. नीति आयोग द्वारा मिली यह रैंकिंग पूरे झारखंड के लिए गौरव की बात है. श्री चंद्रवंशी ने आज सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र की बेहतरी और सरकारी अस्पतालों को सुदृढ़ बनाने और मूलभूत सुविधाएं बहाल कर दी गई हैं और जो कमियां रह गई हैं उसे दूर किया जा रहा है.

गोल्डन कार्ड बनाने में झारखंड का पूरे देश में तीसरा स्थान
स्वास्थ्य मंत्री चंद्रवंशी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में झारखंड का काफी बेहतर प्रदर्शन रहा है. उन्होंने बताया कि पूरे देश में गोल्डन कार्ड जारी करने में झारखंड का तीसरा स्थान है औऱ सूचीबद्ध अस्पतालों द्वाला लाभुकों के इलाज में छठे पायदान पर है. श्री चंद्रवंशी ने बताया कि पिछले साल 23 सितंबर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रांची से ही जन आरोग्य् योजना का शुभारंभ पूरे देश में किया था. इसके उपरांत झारखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित 57.15 लाख लाख परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जा रहा है. यहां के 36.65 लाख लाभुकों का गोल्डन कार्ड बन चुका है.

आयुष्मान भारत योजना के तहत 1,84,258 लाभुक करा चुके हैं इलाज
झारखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में 1,84,258 लाभुक अपना इलाज करा चुके हैं. इन लाभुकों ने लगहभग 181 करोड़ का इलाज कराया है, जबकि राज्य के बाहर जाकर 1930 लाभुकों ने कुल 4.32 करोड़ रुपए का इलाज कराया है. श्री चंद्रवंशी ने बताया कि आय़ुष्मान भारत योजना के तहत लाभुकों के बेहतर इलाज को लेकर सरकार पूरी तरह चौकस है. उन्होंने बताया कि आय़ुष्मान भारत के तहत राज्य के 636 अस्पताल सूचीबद्ध हैं. इनमें 218 सरकारी और 418 निजी अस्पताल शामिल हैं. इनमें लाभुकों के इलाज में कोताही बरतने के मामले 20 अस्पतालों को निलंबित कर कारण पृच्छा पूछा गया है, जबकि 25 अस्पतालों को जुर्माना और 2 अस्पतालों को सूचीबद्ध अस्पतालों की लिस्ट से स्थाय़ी रुप से हटा दिया गया है.

वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र की छह नई योजनाओं को लागू करने की तैयारी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए छह नई योजनाओं को शामिल किया गया है. इसमें नवजात शिशुओं के लिए बेबी किट केयर योजना, 104 हेल्थ हेल्पलाइन सर्विसेज योजना के साथ, ममता वाहन योजना संचालन, कॉमन सर्विस सेंटर के द्वारा टेलीमेडिसीन के माध्यम से होम्योपैथिक उपचार योजना, शहरी स्लम एरिया में मोहल्ला क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री आरोग्य कुंजी योजना और बाइक एंबुलेंस योजना शामिल है. इनमें मुख्यमंत्री आरोग्य कुंजी योजना के लिए सरकार ने 8.20 करोड़ रुपए और 104 हेल्थ हेल्पलाइन सर्विसेज योजना के लिए 5 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नवंबर 2017 से 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन हो रहा है. यह सेवा आपात स्थितियों के लिए 24 घंटे 108 कॉल सेंटर से दी जा रही है. उन्होंने बताया कि फिलहाल 319 एंबुलेंसों का परिचालन राष्ट्रीय व राज्यमार्गों के साथ अलग- अलग जिलों में किया जा रहा है, जिसका फायदा लोगों को मिल रहा है.

देवघर स्थित एम्स में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू, तीन मेडिकल कॉलेजों को भी शुरू करने की जोरशोर से चल रही तैयारी
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि देवघर स्थित एम्स में पहले बैच की पढ़ाई इसी साल से शुरू होने जा रही है. यहां 50 सीटों पर दाखिले के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके अलावा हजारीबाग, पलामू और दुमका में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भी एमबीबीएस की 100-100 सीटों के लिए पढ़ाई 2020-21 से शुरु करने को लेकर जोरशोर से तैयारी चल रही है. इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मैनपावर की बहाली की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि 885 करोड़ 25 लाख 42 हजार रुपए की लागत से इन तीन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जा रहा है. इसके साथ कोडरमा और चाईबासा में भी जिला अस्पतालों को उत्क्रमित कर मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना को सरकार की स्वीकृति मिल चुकी है. इन दोनों मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण के लिए सरकार ने कुल 314.35 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी है.

रिम्स को विश्वस्तरीय संस्थान बनाएंगे, मरीजों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
श्री चंद्रवंशी ने कहा कि रिम्स झारखंड का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज है. यहां राज्य के अलग-अलग इलाकों से इलाज कराने के लिए मरीज आते हैं. यही वजह है कि सरकार का फोकस रिम्स को विश्वस्तरीय संस्थान बनाने पर है ताकि यहां इलाज के लिए आनेवाले मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सके. सुपरस्पेशियलिटी क्लिनिक में दूसरे पाली में भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसके साथ डेंटल कॉलेज में नामांकन हेतु डेंटल काउंसिल की स्वीकृति, 40 सालों बाद रेडियोडायग्नोसिस की डिग्री व डिप्लोमा सीटों को एमसीआई ने मान्यता दे दी है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि रिम्स में एमबीबीएस की सीटों में इजाफे को भी अप्रूवल मिल चुका है. अब यहां 150 सीटों की बजाय 180 सीटों पर एडमिशन लिया जाएगा. मैनपावर की कमी को दूर करने के प्रति भी सरकार गंभीर है.  सुपरस्पेशियलिटी विभागों में 47 चिकित्सकों के पद पर बहाली प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जबकि अन्य पदों पर बहाली की प्रक्रिया जारी है अथवा जल्द शुरू कर दी जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि रिम्स में जल्द ही स्टेट ऑफ हार्ट आईसीयू की शुरूआत कर दी जाएगी.

कुष्ठ और यक्ष्मा रोगियों की पहचान के लिए 1 जुलाई से चलेगा अभियान
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य में कुष्ठ और यक्ष्मा रोग के खात्मे के लिए सरकार कृतसंकल्प है. इस दिशा में इन दोनों रोगियों की पहचान के लिए पूरे राज्य में 1 से 14 जुलाई तक अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए खोजी दल बनाए जाएंगे. यह दल कुष्ठ औऱ यक्ष्मा रोगियों की पहचान व चिन्हित कर जानकारी देंगे. इसके उपरांत उनका इलाज कराया जाएगा.

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक रामलखन प्रसाद गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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