रांची। हटिया विकास नगर में आज ओझा श्री दरबार में तीसरे दिन योगाभ्यास किया गया।
इसमें आज रविवार को शुभारंभ गुरु वंदना बाद 51 बार गायत्री महामंत्र का सस्वर पाठ करके शान्तिकुंज के विशेष पुकार - संदेश सुनाया गया कि यह सब की अग्नि परीक्षा की बेला है। जनमानस में आदर्शवादिता उभारने के लिए जाग्रत आत्माएं आगे आएं , युग धर्म निभाएं । प्रज्ञा गीत के स्वर जेएनपी ने दिया,
विश्वासों के दीप जलाकर युग ने तुम्हें पुकारा , आओ युग धर्म निभाओ , युग ने तुम्हें पुकारा बताया कि धर्म तंत्र की गरिमा निभानी होगी। प्रेरणात्मक, प्रचरात्मक और रचनात्मक कार्यों से जनता को संगठित, जाग्रत एवं कर्तव्य परायण बनाया जा सकता है । यह कार्य राजनीति से नहीं, धर्म के मंच से ही संभव होगा। गुरुदेव श्री का कहना है कि अपने को धर्मात्मा, ईश्वरभक्त , आदर्शवादी कहने मानने वाले के लिए आज अग्नि परीक्षा की घड़ियां कुछ करने के लिए कुछ कह रहीं हैं ।कहा है जीवन के सदुपयोग की सोचें, स्वतंत्र जिम्मेदारी रहित सेवानिवृत्त वयोवृद्ध ,समाजनिष्ठ,धर्मजीवी , साधु संत, ब्राह्मण को देश की सुरक्षा ,प्रगति और इसके आदर्शों की रक्षा और संकटों के निवारण में विपरीत परिस्थितियों में अपना समय लगाना ही चाहिए ।इस आस्था निष्ठा की कसौटी में आवश्यकता केवल रूचि बदलने की है । यों समस्त प्रबुद्ध वर्ग और
जनमानस को समझदारी का परिचय देने का संकेत समय और फैसला का अवसर है । ऐसे में शीघ्र ही भारत का भविष्य उज्ज्वल होगा।
स्वस्थ और मस्त रहने के वास्ते योग करके नीरोग रहना आवश्यक है ।
यह संदेश सुनाकर योगाभ्यास योगासन व्यायाम कार्यक्रम मंगलाचरण एवं संगठन मंत्र पाठ करके आरंभ किया गया।आज अधिकाधिक शरीर का संधि संचालन ,मणिबंध चक्र, उदर संचालन, ग्रीवा संचालन और अंत में ठहाकेदार हास्यासन का योग अभ्यास कराके समापन किया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें