चक्रधरपुर। एक दिवसीय कार्यशाला में उपस्थित 20 सूत्री सदस्यों के सामने जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रदीप चौबे ने बताया कि वर्ष 1975 में 20 सूत्री कार्यक्रम की शुरुआत हमारे देश में की गई है। इस कार्यक्रम के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित योजनाओं को समाहित करने का प्रयास भारत सरकार के द्वारा किया गया है जो कि उल्लेखनीय है।
शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 2071 सरकारी विद्यालय संचालित है जिसमें 36 इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय,136 उच्च विद्यालय,15 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय,3 झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए 2 समर्थ विद्यालय के साथ साथ मध्य विद्यालय,प्राथमिक विद्यालय का संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है।
शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि अगर सरकारी योजनाओं के तहत हम एक नजर डालें तो प्रति वर्ष प्रति छात्र ₹15000 सरकार के द्वारा खर्च किए जा रहे हैं इन आकड़ों पर गौर करें तो ₹12000 रहने एवं भोजन पर दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही सरकार के द्वारा आवासीय विद्यालयों में स्कूल ड्रेस,किताब,कॉपी,स्वेटर,बिछावन,जूते आदि के लिए भी राशि डीवीटी के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है।
अभी वर्तमान में उपायुक्त के द्वारा जिले में शिक्षक की कमी को देखते हुए हो भाषा की पढ़ाई हेतु घंटी आधारित शिक्षकों का चयन किया गया है इसके लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है जल्द ही जिले के सभी स्कूलों में हो भाषा के शिक्षक उपलब्ध रहेंगे। इसके साथ ही आयोग के द्वारा आयोजित परीक्षा 2016 के आधार पर 268 सफल अभ्यर्थियों को नए शिक्षक के रूप में विद्यालयों में प्रतिनियुक्त किया गए हैं एवं 77 हिंदी के शिक्षक की नियुक्ति भी प्रक्रिया अधीन है।छात्राओं को साक्षर करने के उद्देश्य सरकार के द्वारा कल्याण विभाग के माध्यम से साइकिल योजना के तहत ₹3000 की राशि भी दी जा रही है।
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