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शनिवार, 16 जून 2018

घाटशिला में जंगली हाथियों का उत्पात



 
दैनिक भास्कर से साभार
जमशेदपुर। पश्चिम बंगाल के ग्रीष्म प्रवास के बाद झारखंड के पूर्वी सिंहभूम स्थित दलमा आश्रयणी में वापसी के दौरान 15 हाथियों के झुंड ने घाटशिला के दो गांवों में जमकर उत्पात मचाया। दो लोगों को पटककर मार डाला। दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त कर डाले। इस झुंड में तीन बच्चे भी हैं। यह उन दो झुंडों में एक है जिसे जीपीएस युक्त रेडियो कालर से युक्त करने के लिए कोलकाता के वन विभाग और बेंगलुरु के वैज्ञानिकों की टीम रवाना हो चुकी है। यदि रेडियो कालर लग चुका होता तो इसे रोका जा सकता था।
     चाकुलिया जंगल से लगे बांधडीह में तड़के सुबह हाथियों का झुंड जंगल से निकलकर सड़क पर आ गया और लोगों को दौड़ाने लगा। एक बूढ़े व्यक्ति दुखू पाल को सूड़ में लपेटकर पटक दिया और पांव से कुचलकर मार डाला। एक युवक भागने के क्रम में घायल हो गया। जंगली हाथियों ने सड़क पर खड़ी दर्जन भर साइकिलों और बाइकों को तोड़ डाला। घटना की खबर मिलने पर वन विभाग की हाथी रोधक टीम पहुंची और पटाखे फोड़कर हाथियों के झुंड को जंगल की ओर खदेड़ दिया। शाम को वह झुंड पिर छोटाजमुआ के सालजंगल से निकला और 16 वर्षीय नारायण मुर्मू को उठाकर पटक दिया। उसकी टांग टूट गई और गंभीर रूप से घायल हो गया। गंभीर रूप से जख्मी हाल में उसे एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। हाथियों का दूसरा झुंड भी अभी दलमा के रास्ते में है। वन विभाग के लोग उसके लोकेशन पर नज़र रखे हुए हैं। हर वर्ष अपने ग्रीष्म प्रवास पर जाते और लौटते वक्त रास्ते में उनका उत्पात जारी रहता है। जीपीएस रेडियो कालर लग जाने के बाद ही उनके उत्पात पर कुछ नियंत्रण रखा जा सकेगा। तब वन विभाग के लोगों को झुंड के मानव बस्ती के करीब पहुंचते ही पता चल जाएगा और उन्हें वापस जंगल में खदेड़ना संभव हो सकेगा। लेकिन वन विभाग को उनके आवासीय इलाकों और आवागमन के मार्ग में पेयजल और भोजन की उचित व्यवस्था करनी होगी। वरना वे बार-बार मानव बस्तियों की ओर रुख करेंगे और बार-बार खदेड़े जाने से और उग्र हो उठेंगे।

-देवेंद्र गौतम

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