राज्यसभा सांसद परिमल नथवाणी ने सांसद आदर्श गांव बड़ाम में बंटवाईं 25 सिलाई मशीनें
रांची।: राज्यसभा सांंसद परिमल नथवाणी द्वारा गोद लिये गये सांसद आदर्श गांव बड़ाम में एक सिलाई प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया। श्री परिमल नथवाणी ने अपने झारखण्ड दौरे के दौरान खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ से मिलकर ग्रामजनों को रोजगारोन्मुखी ट्रेनिंग हेतु निवेदन किया था श्री सेठ ने इसे गंभीरता से लेते हुए सांसद परिमल नथवाणी द्वारा चयनित पहले आदर्श ग्राम पंचायत बड़ाम स्थित सभा घर में आज एक सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारम्भ किया। खादी बोर्ड द्वारा 25 सिलाई के मशीन भी दिए गए। श्री संजय सेठ ने सभा घर की प्रशंसा करते हुए बताया कि नथवाणीजी का सीधे—सीधे आम जनता से और झारखण्ड के गांवों से जुड़े हैं यह खुशी की बात है कि वे पंचायत के संर्पूण विकास के लिए प्रयासरत हैं। इनके आदर्श गांव में आकर वाकई लगता है कि विकास के कार्य हुए हैं। उन्होने बताया कि सिलाई प्रशिक्षण हेतु योग्य महिलाओं का चयन का कार्य एक—दो दिनों के अन्दर पूरा कर लिया जाएगा तथा जुलाई की पहली तारीख से प्रशिक्षण प्रारम्भ कर दिया जाएगा। यह छ: महीने का कोर्स होगा। प्रशिक्षण पाने वाली महिलाओं को प्रतिदिन 150 रू. की राशि दी जाएगी जो सीधे उनके बैंक खाते में जाया करेगी अर्थात् महीने के 4500 रू तथा प्रशिक्षणोपरान्त महिलाओं को कपड़ा फैक्ट्री में भी भेजा जाएगा। साथ ही जो महिलाएं सिलाई के लिए योग्य नहीं पाई जाएंगी उन्हें अन्य प्रकार की ट्रेनिंग जैसे लाह की चुड़ियां बनाना, सूत कातना, पत्तल बनाने का कार्य, मधुमक्खी पालन आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी।
रांची।: राज्यसभा सांंसद परिमल नथवाणी द्वारा गोद लिये गये सांसद आदर्श गांव बड़ाम में एक सिलाई प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया। श्री परिमल नथवाणी ने अपने झारखण्ड दौरे के दौरान खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ से मिलकर ग्रामजनों को रोजगारोन्मुखी ट्रेनिंग हेतु निवेदन किया था श्री सेठ ने इसे गंभीरता से लेते हुए सांसद परिमल नथवाणी द्वारा चयनित पहले आदर्श ग्राम पंचायत बड़ाम स्थित सभा घर में आज एक सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारम्भ किया। खादी बोर्ड द्वारा 25 सिलाई के मशीन भी दिए गए। श्री संजय सेठ ने सभा घर की प्रशंसा करते हुए बताया कि नथवाणीजी का सीधे—सीधे आम जनता से और झारखण्ड के गांवों से जुड़े हैं यह खुशी की बात है कि वे पंचायत के संर्पूण विकास के लिए प्रयासरत हैं। इनके आदर्श गांव में आकर वाकई लगता है कि विकास के कार्य हुए हैं। उन्होने बताया कि सिलाई प्रशिक्षण हेतु योग्य महिलाओं का चयन का कार्य एक—दो दिनों के अन्दर पूरा कर लिया जाएगा तथा जुलाई की पहली तारीख से प्रशिक्षण प्रारम्भ कर दिया जाएगा। यह छ: महीने का कोर्स होगा। प्रशिक्षण पाने वाली महिलाओं को प्रतिदिन 150 रू. की राशि दी जाएगी जो सीधे उनके बैंक खाते में जाया करेगी अर्थात् महीने के 4500 रू तथा प्रशिक्षणोपरान्त महिलाओं को कपड़ा फैक्ट्री में भी भेजा जाएगा। साथ ही जो महिलाएं सिलाई के लिए योग्य नहीं पाई जाएंगी उन्हें अन्य प्रकार की ट्रेनिंग जैसे लाह की चुड़ियां बनाना, सूत कातना, पत्तल बनाने का कार्य, मधुमक्खी पालन आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी।
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