सभी दोस्तों को नमस्कार
जय हिंद
लोक सभा चुनाव 2019 को लेकर केंद्र और राज्यों सरकारोँ पर दवाव बनाने से पहले मजीठिया को लेकर लड़ रहे सभी पत्रकार पहले तो एकजुटता दिखाकर सिर्फ एकबार और आखिरी बार प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेँ फिर साथ ही कांग्रेस के राहुल गांधी से भी बात करें दोनों का क्या रिस्पॉन्स मिलता है उस को आधार बनाकर सोसल मीडिया पर पूरे भारत से दोनों पार्टियों के खिलाफ एक मुहिम चलाकर सब कुछ जनता के सामने लाया जाए ।हिमाचल से तो रविंद्र अगरवाल जी अकेले लड़ ही रहे हैं उनके साथ में भी थोड़ा सहयोग कर रहा हूं जो हम लोग निकाले गए हैं अब हमको अपनी अलग से यूनियन बनाकर लोकसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस पर तीखे हमले करने ही होंगे अगर इस बार मजीठिया लागू नहीं हुआ तो फिर कभी लागू नहीं हो सकेगा अतः 19 हजार प्रेस घराने 19 लाख पत्रकारों की अबाज नहीं दबा सकते इसी के साथ माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश माननीय रंजन गोगोई जी को भी अब खुले पत्र लिखने होंगे कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को अगर न्याय नहीं मिल रहा है तो देश के गरीब और आम आदमी को न्याय क्यों नहीं मिल पाता है हम सब न्यायालयों में देख रहे हैं लेबर एक्ट बहुत मजबूत है पर गत 65 बर्षों में इसे उचित तरीक़े से किसी भी सरकार ने लागू नहीं किया इसी कारण देश में बेरोजगारी फैली है अन्यथा सरकारी क्षेत्र से प्राइवेट क्षेत्र में ज्यादा स्कोप औऱ सुबिधायें हैँ अखबार मालिक हम कर्मचारियों की खून पसीने की कमाई की मेहनत से आज हजार से करोड़पति और अरबपति बन गए और हम पत्रकार बंधुवा मजदूर बनकर रैह गए हैं इस लिये न्यायालयों में मजीठिया के साथ साथ मनिसाना वेज बोर्ड की बात भी माननीय न्यायाधीशों के सामने रखी जये कि आज तक मनिसाना वेज बोर्ड के अनुसार भी वेतन नहीं दिया गया है। सुझाब अच्छा लगा हो तो आगे भी लिखूँगा अन्यथा रविन्द्र जी व शशिकांत जी तो लगे ही हैं
-देशराज मोहन, धर्मशाला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश।
जय हिंद
लोक सभा चुनाव 2019 को लेकर केंद्र और राज्यों सरकारोँ पर दवाव बनाने से पहले मजीठिया को लेकर लड़ रहे सभी पत्रकार पहले तो एकजुटता दिखाकर सिर्फ एकबार और आखिरी बार प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेँ फिर साथ ही कांग्रेस के राहुल गांधी से भी बात करें दोनों का क्या रिस्पॉन्स मिलता है उस को आधार बनाकर सोसल मीडिया पर पूरे भारत से दोनों पार्टियों के खिलाफ एक मुहिम चलाकर सब कुछ जनता के सामने लाया जाए ।हिमाचल से तो रविंद्र अगरवाल जी अकेले लड़ ही रहे हैं उनके साथ में भी थोड़ा सहयोग कर रहा हूं जो हम लोग निकाले गए हैं अब हमको अपनी अलग से यूनियन बनाकर लोकसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस पर तीखे हमले करने ही होंगे अगर इस बार मजीठिया लागू नहीं हुआ तो फिर कभी लागू नहीं हो सकेगा अतः 19 हजार प्रेस घराने 19 लाख पत्रकारों की अबाज नहीं दबा सकते इसी के साथ माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश माननीय रंजन गोगोई जी को भी अब खुले पत्र लिखने होंगे कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को अगर न्याय नहीं मिल रहा है तो देश के गरीब और आम आदमी को न्याय क्यों नहीं मिल पाता है हम सब न्यायालयों में देख रहे हैं लेबर एक्ट बहुत मजबूत है पर गत 65 बर्षों में इसे उचित तरीक़े से किसी भी सरकार ने लागू नहीं किया इसी कारण देश में बेरोजगारी फैली है अन्यथा सरकारी क्षेत्र से प्राइवेट क्षेत्र में ज्यादा स्कोप औऱ सुबिधायें हैँ अखबार मालिक हम कर्मचारियों की खून पसीने की कमाई की मेहनत से आज हजार से करोड़पति और अरबपति बन गए और हम पत्रकार बंधुवा मजदूर बनकर रैह गए हैं इस लिये न्यायालयों में मजीठिया के साथ साथ मनिसाना वेज बोर्ड की बात भी माननीय न्यायाधीशों के सामने रखी जये कि आज तक मनिसाना वेज बोर्ड के अनुसार भी वेतन नहीं दिया गया है। सुझाब अच्छा लगा हो तो आगे भी लिखूँगा अन्यथा रविन्द्र जी व शशिकांत जी तो लगे ही हैं
-देशराज मोहन, धर्मशाला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश।
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