यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 21 जून 2018

प्रेरणा का संचार करने लगा तिरंगा यात्रा अभियान



एकता काऊ मूलमंत्र है तिरंगा :सुधांशु सुमन

चतरा के सुदूरवर्ती व नक्सल  गांवों के ग्रामीणों ने गाया राष्ट्रट्रगान

रे ग्राम सेवा फाउंडेशन के तहत चलाये जा रहे तिरंगा सम्मान यात्रा देश के सभी राज्यों में जोरो से आगे बढ़ रही है। तिरंगा सम्मान यात्रा के सूत्रधार व प्रसिद्ध समाजसेवी और रांची एक्सप्रेस के चेयरमैन सुधांशु सुमन द्वारा तिरंगा सम्मान यात्रा की शुरुआत 1अक्टूबर 2016 में किया गया जो 2024 तक काश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक समापन होगी।  तिरंगा सम्मान यात्रा अब हर गांव - गांव,कस्बा-कस्बा,टोला-मुहल्ला तक  तिरंगा के महत्व को बतलाया जा रहा है।

तिरंगा सम्मान यात्रा के उद्देश्य यह है कि देश के 125 करोड़ लोगों तक तिरंगा का महत्व और शहीदो व महापुरुषों के बारे में जानकारी देना। रांची एक्सप्रेस ग्राम सेवा के माध्यम से झारखंड को तिरंगा मय,राष्ट्रभक्ति, राजभवी,सामाजिक समन्वय, अखण्डता,सामाजिक समरसता, नशा मुक्त,चुआं मुक्त,गरीबी मुक्त करने मकसद है।
साथ साथ ग्राम एक्शन प्लान के माध्यम से गांव का विकास होगा,गांव से हो रहे पलायन व्यक्ति को रोकने का कार्य किया जा रहा है,शिक्षा के लिये विद्यालय एवं महाविद्यालय,सड़क,पेयजल,सिचाई के लिये चेकडेम का भी निर्माण किया जा रहा है।
आजाद भारत में सुदूरवर्ती गाँवों के भोले -भाले ग्रामीण ,किसान,मजदूर बच्चे लोग तिरंगा का अर्थ पूर्ण रूप से नही समझते थे आज तिरंगा सम्मान यात्रा के सूत्रधार सुधांशु सुमन ने झारखंड के चतरा, लातेहार, हजारीबाग, पलामू, के हर सुदूरवर्ती गांवो का दौरा किया और वहा तिरंगा से हर व्यक्ति को जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।

शायद इसलिए भारत के कई ऐसे लोग जातिवाद ,धर्मवाद के भेद- भाव में अपने देश की पहचान तिरंगा के संदेश को भुल गये है .यही कारण है कि आज भारत के अधिकांश क्षेत्रों में संप्रदायिक झगड़े उत्पन्न हो रहे है ,जिससे हमारी एकता के ईट खिसकते नजर आ रहे है .यह देखकर सुधांशु सुमन ने भारत माता व तिरंगे को सम्मान देने का कार्य प्रारंभ किया है।
इन्होंने तिरंगा सम्मान यात्रा निकाल कर एकता ,जाती-धर्म रूपी इमारते के खिसकते ईट को राजमिस्त्री की तरह जोड़ने का काम कर रहे है ।तिरंगा यात्रा के सूत्रधार सुधांशु सुमन के यह  अभियान से अब हर व्यक्ति तिरंगा को समझ रहे है।

रे ग्राम सेवा फाउंडेशन द्वारा भारत के वैसे सुदूरवर्ती गांव में तिरंगा यात्रा निकाला जा रहा है ,जहां चुवां नदी -नाले,बिजली और सड़क की व्यवस्था नही है लोग पगडंडियों के सहारा पर निर्भर रहते हैं बुनियादी समस्याओं से वंचित रहते हैं तथा मूलभूत आवश्यकताओं से कोसो दूर है।वैसे स्थानों में सुधांशु सुमन ने तिरंगा यात्रा निकालकर नागरिकों को मौलिक अधिकार एवं उनकी इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिये राज्य सरकार व केंद्र सरकार से बात करेंगे और सुदूरवर्ती गांवो में इनसभी समस्या से निजात दिलाएंगे।

सुधांशु सुमन  का कहना है कि पूरे देश में 6 लाख 47 हजार गांव हैं। 32,623 गांवों वाला झारखंड राज्य में 24 जिले हैं जिसमें चतरा, लातेहार, हजारीबाग, पलामू में तिरंगा यात्रा जोरो से चल रहा है।

उन्होंने कहा कि रांची एक्सप्रेस ग्राम सेवा के ग्रीन इंडिया, क्लीन इंडिया, एजुकेट इंडिया, पेट्रोटिक इंडिया की थीम पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि गांवों के विकास को जमी पर उतारने की जरूरत है, ताकि विकास का खाका जमी पर लाया जा सके। तिरंगा लोगों के बलिदान का प्रतीक है। इसके सम्मान को कायम रखना हमारी प्राथमिकता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

बांग्लादेशी मॉडल की ओर बढ़ता देश

  हाल में बांग्लादेश का चुनाव एकदम नए तरीके से हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार...