भारत में बैंको की स्थिति इस तरह खराब हो गई है कि खाता धारियों को अब यह महसूस होने लगा है कि,बैंको से किनारा कर लेना ही एकमात्र रास्ता है। बोकारो में तो बैंको की स्थिति इतनी खराब है कि पूछिये मत। विशेष कर सरकारी बैंक। बोकारो स्टील सिटी के सेक्टर 4 के यूको बैंक में दो दिनों से काम काज ठप है। कारण लिंक फेल होने बताया जा रहा है।खाताधारियो को पैसा नहीं मिल रहा है ।बैंक प्रबंधन दो दिनों से हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।इस भीषण गर्मी में अपने पैसे नही मिलने पर ग्राहक अत्यधिक परेशान हैं लेकिन बैंक के बाबू लोग AC में बैठ कर मजा मार रहे है।
पहले तो ATM में लिंक नही हुआ करती थी या फिर कैश की मारामारी थी।लोग परेशान होकर ATM का रुख करना छोड़ बैंकों के काउंटर पर निर्भर रहना प्रारम्भ किये पर वाह रे बैंक।लिंक नही है के बहाने से त्रस्त है ग्राहक
समझ मे नही आता,आखिर वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नही है।आज जब अनेको service provider उपलब्ध है तो एक ही कम्पनी का कनेक्शन लेकर कोई बैंक क्यों उसी पर आश्रित है?अब तो प्रतीत होता है कि पैसे का लेन देन पुराने तरीके से करना ही आसान होगा।अब तो बैंक सुरक्षित भी नही है।किसी के खाते से पैसा गायब हो जाना ,ATM से पैसा गायब होने और तो और लॉकर तोड़ गहने और कीमती सामान गायब होना आम बात होती जा रही है।सरकार चाहती है कि सारा काम ऑनलाइन हो परंतु लिंक नही रहे।ग्राहक सबसे ठगा तो उस समय महसूस करता है जब एटीएम में कार्ड डाल कर पिन दाल देता है और पैसा निकलने के process में रहता है तभी लिंक फेल हो जाता है।ग्राहक का पैसा कहते से काट भी जाता है और पैसा मिलता भी नही है।सम्बंधित बैंक के पास इसका कोई त्वरित उपचार नही है।ग्राहक को सप्ताहों बैंक का चक्कर लगना होता है।
आज जब पुरी दुनिया मे 7G version इंटरनेट सफलता पूर्वक चल रहा है,सपना देश 4G चलाने में भी सक्षम नही है।ऐसे में जनता क्या करे?
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समझ मे नही आता,आखिर वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नही है।आज जब अनेको service provider उपलब्ध है तो एक ही कम्पनी का कनेक्शन लेकर कोई बैंक क्यों उसी पर आश्रित है?अब तो प्रतीत होता है कि पैसे का लेन देन पुराने तरीके से करना ही आसान होगा।अब तो बैंक सुरक्षित भी नही है।किसी के खाते से पैसा गायब हो जाना ,ATM से पैसा गायब होने और तो और लॉकर तोड़ गहने और कीमती सामान गायब होना आम बात होती जा रही है।सरकार चाहती है कि सारा काम ऑनलाइन हो परंतु लिंक नही रहे।ग्राहक सबसे ठगा तो उस समय महसूस करता है जब एटीएम में कार्ड डाल कर पिन दाल देता है और पैसा निकलने के process में रहता है तभी लिंक फेल हो जाता है।ग्राहक का पैसा कहते से काट भी जाता है और पैसा मिलता भी नही है।सम्बंधित बैंक के पास इसका कोई त्वरित उपचार नही है।ग्राहक को सप्ताहों बैंक का चक्कर लगना होता है।
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