रांची। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोगों पर हजारों करोड़ रुपये
न्यौछावर करने के बाद अब पंजाब नेशनल बैंक स्वयं घोखाघड़ी पर उतर आया है जिसका
शिकार विभिन्न बैंकों के खातेदार हो रहे हैं। झारखंड की राजधानी रांची में एटीएम
घोटाले का एक नया मामला सामने आया है। शहर के कटहल मोड़ रोड, दीपाटोली में पंजाब
नेशनल बैंक का एटीएम नंबर-NP093900 में एटीएम से पैसा निकासी के क्रम में अक्सर खाते
से पैसा कट जाने का मैसेज आता है लेकिन पैसा निकलते वक्त लिंक फेल हो जाता है। इसके
बाद ग्राहक शिकायत करता रहे कोई सुनवाई नहीं होती है।
पिछले 17 जून को इग्नू में एमसीए की पढ़ाई कर रही छात्रा अंकिता
सिन्हा शाम के करीब 6.30 बजे अपने बैंक आफ इंडिया के एटीएम से 4000 रुपये निकालने
गई तो उसके साथ यही हुआ। पैसे कट गए लेकिन एटीएम से बाहर नहीं निकले। ऐन समय पर
लिंक फेल हो गया। अंकिता का बचत खाता नंबर -499210110006913 और कस्टमर आइडी-182748195 बैंक आफ इंडिया की अशोक
नगर, शाखा, रांची से संबद्ध है। उसने 18 जून को अपने बैंर से संपर्क किया। उसे
बताया गया कि 24 घंटे के अंदर पैसा एकाउंट में वापस आ जाएगा। 24 घंटे बाद जब पैसा
वापस नहीं लौटा तो बैंकर ने आवेदन मांगा। से ईमेल से बैंक आफ इंडिया के मुंबई
स्थित प्रधान कार्यालय भेजा गया। जब वहां से मामले को पंजाब नेशनल बैंक भेजा गया
तो आवेदन को रद्द कर दिया गया। आज 27 जून तक पैसा खाते में वापस नहीं लौटा है।
लिंक फेल हो जाना
इंटरनेट की गड़बड़ी का मामला हो सकता है लेकिन सके कारण ग्राहक को होनेवाली
परेशानी का निवारण करना बैंक की जिम्मेदारी होती है। एटीएम में सीसीटीवी लगा हुआ
है। उसके फुटेज की जांच कर ग्राहक को न्याय दिलाना चाहिए था लेकिन मामले को पूरी
तरह नकार देने का अर्थ है कि बैंक प्रबंधन ने जानबूझकर टीएम में ऐसी सेटिंग की है
कि पैसा उसमें फंस जाए और अंततः बैंक के खाते में चला जाए। अंकिता ने मामले की
शिकायत मेल के जरिए पटना स्थित आरबीआई के बैंकिग लोकपाल से को प्रेषित कर न्याय की
गुहार लगाई है।
यह मामला सीधा-सीधी
बैंकिंग व्यवस्था में विश्वास करने वाले नागरिकों के साथ धोखाधड़ी का है। उस एटीएम
मशीन में अक्सर इस तरह की घटना होती है लेकिन ज्यादातर लोग झंझट में फंसने की जगह
से भूल जाना बेहतर समझते हैं। वित्त विभाग को तत्काल इस जालसाजी की जांच कर नागरिक
हितों की रक्षा करने और दोषी लोगों को दंडित करने की कार्रवाई करनी चाहिए।
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