देवेंद्र गौतम
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में जन्मे राजेश कुमार फिटनेस फर्स्ट नामक जिम का संचालन करते हैं। उनका जिम अरगोड़ा कटहल मोड़ रोड में स्टेट बैंक शाखा के ऊपरी तल पर है। जिम उनके लिए मात्र व्यवसाय नहीं बल्कि समाज को स्वस्थ रखने के संकल्प को पूरा करने का सबसे सशक्त माध्यम है। वे न लाभ न हानि के आधार पर अपना जिम चलाते हैं। छात्रों को और गरीबों को रियायत देते हैं। फिटनेस के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए सामाजिक दायित्व के तहत कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं। वे चाहते हैं कि कारपोरेट कंपनियां अपने सामाजिक दायित्व के कार्यों की सूची में फिटनेस के प्रति जागरुकता को भी जोड़ें। जिम संचालकों को भी जागरुकता अभियान चलाना चाहिए। रांची के तकरीबन हर इलाके में जिम हैं। नागरिकों को चाहे वे जिस आयु वर्ग के हों, उनके महत्व और लाभ को समझना होगा। तभी वे दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे। रांची में जन्मे ट्रेनरों को भी इस दिशा में सक्रिय होना चाहिए। श्री कुमार के मुताबिक पहली बार जब बाजार में बुलवर्कर लांच हुआ था तो लोगों का ध्यान पहली बार फिटनेस की ओर गया था। इसके बाद तो एक-एक कर उपकरण आते चले गए। उनके जिम में कार्डियो, स्ट्रेंथ और वेट से संबंधित सारे उपकरण हैं। वे 2012-13 से फिटनेस के क्षेत्र में सक्रिय हैं। अब इसे अपना मिशन बना चुके हैं।
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में जन्मे राजेश कुमार फिटनेस फर्स्ट नामक जिम का संचालन करते हैं। उनका जिम अरगोड़ा कटहल मोड़ रोड में स्टेट बैंक शाखा के ऊपरी तल पर है। जिम उनके लिए मात्र व्यवसाय नहीं बल्कि समाज को स्वस्थ रखने के संकल्प को पूरा करने का सबसे सशक्त माध्यम है। वे न लाभ न हानि के आधार पर अपना जिम चलाते हैं। छात्रों को और गरीबों को रियायत देते हैं। फिटनेस के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए सामाजिक दायित्व के तहत कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं। वे चाहते हैं कि कारपोरेट कंपनियां अपने सामाजिक दायित्व के कार्यों की सूची में फिटनेस के प्रति जागरुकता को भी जोड़ें। जिम संचालकों को भी जागरुकता अभियान चलाना चाहिए। रांची के तकरीबन हर इलाके में जिम हैं। नागरिकों को चाहे वे जिस आयु वर्ग के हों, उनके महत्व और लाभ को समझना होगा। तभी वे दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे। रांची में जन्मे ट्रेनरों को भी इस दिशा में सक्रिय होना चाहिए। श्री कुमार के मुताबिक पहली बार जब बाजार में बुलवर्कर लांच हुआ था तो लोगों का ध्यान पहली बार फिटनेस की ओर गया था। इसके बाद तो एक-एक कर उपकरण आते चले गए। उनके जिम में कार्डियो, स्ट्रेंथ और वेट से संबंधित सारे उपकरण हैं। वे 2012-13 से फिटनेस के क्षेत्र में सक्रिय हैं। अब इसे अपना मिशन बना चुके हैं।
नवंबर 2017 में जिम की शुरुआत के बाद अभी तक 170 लोग उनके जिम की
सदस्यता ले चुके हैं। राजेश चाहते हैं कि युवा वर्ग के लोग
नशे की ओर बढ़ने की जगह अपने शरीर के फिटनेस पर ध्यान दें। मजबूत बनें। वे मजबूत
बनेंगे तो देश मजबूत बनेगा। देश मजबूत बनेगा तभी अच्छे दिन आएंगे।
राजेश जी का कहना है कि आधुनिकता की आंधी में लोग शारीरिक श्रम के
प्रति उदासीन होते जा रहे हैं। इसके कारण तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे
हैं। यूरोप के लोग हमसे कहीं ज्यादा आधुनिक हैं। हमसे कहीं ज्यादा ज्यादा तेज
रफ्तार जीवन जीते हैं। लेकिन वे अपने स्वास्थ्य और शरीर के फिटनेस के प्रति जागरुक
हैं इसलिए अपेक्षाकृत स्वस्थ रहते हैं। हमारे देश में बीमारियों का प्रकोप अन्य
देशों से ज्यादा है। हमें इससे छुटकारा पाना होगा और इसके लिए नियमित रूप से जिम
में व्यायाम करना सबसे कारगर उपाय है। प्रतिदिन आधा घंटा भी अगर समय दिया जे तो
बहुत सी समस्याओं का समाधान हो सकता है।
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