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शुक्रवार, 15 जून 2018

दिलवालों की दिल्ली में धूल की चादर

समरेंद्र कुमार


नई दिल्ली। दिल्ली में धूल भरी आंधी का कहर जारी है। राजस्थान की ओर से आती इस आंधी के कारण दिल्ली के रेगिस्तान में परिणत हो जाने की आशंका है। इस आंधी के थमने के आसार नहीं दिख रहे। इतना प्रदूषण है कि लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने मास्क लगाकर ही घर से निकलने की हिदायत दी है। मंगलवार को दिल्ली में कई जगहों पर सामान्य से 18 गुना तक अधिक प्रदूषण मिला। गाजियाबाद, नोएडा में भी प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। बुधवार को भी पूरी दिल्ली धूल की चादर में लिपटी-सी नजर आई। सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 445 रहा। सफर के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले 24 घंटे तक इस प्रदूषण से दिल्ली को राहत नहीं मिलेगी।
प्रदूषण बढ़ने की सबसे बड़ी वजह पीएम 10 का स्तर है। दिल्ली की 20 जगहों पर पीएम 10 का स्तर 10 गुना से अधिक रहा। सबसे अधिक पीएम 10 का स्तर मुंडका में 1804 एमजीसीएम (माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर), नरेला में 1702, नरेला में 1646, रोहिणी में 1666, जहांगीरपुरी में 1552, अरबिंदो मार्ग पर 1530, पंजाबी बाग में 1488, आनंद विहार में 1405, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 1462, पटपड़गंज में 1312, अशोक विहार मे 1499 रहा। पीएम 2.5 का स्तर भी बवाना में सबसे अधिक 411, कर्णी सिंह स्टेडियम में 321, मेजर ध्यान चंद स्टेडियम में 333, पटपडगंज में 318, वजीरपुर में 301 एमजीसीएम रहा।
सीपीसीबी के अनुसार शाम 6 बजे पीएम 10 का स्तर 850 एमजीसीएम रहा। इसकी वजह से दिल्ली में विजिबिलिटी कम रही और धूल की चादर देखने को मिली। सीएसई पहले ही गर्मियों में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जता चुकी है। इसी माह जारी एक रिपोर्ट में सीएसई (सेंटर फॉर साइंस ऐंड इन्वाइरनमेंट) ने दावा किया था कि एक अप्रैल से 27 मई 2018 के बीच 65 पर्सेंट दिनों में दिल्ली का एयर इंडेक्स खराब और बहुत खराब रहा है। इस दौरान सिर्फ एक पर्सेंट दिल्ली दिल्ली वालों को साफ हवा में सांस लेने का मौका मिला।
डीपीसीसी के अनुसार इस समय पीएम 10 का स्तर काफी अधिक है। पीएम 2.5 का स्तर काफी जगहों पर बहुत अधिक नहीं है। तेज हवाओं की वजह से धूल बढ़ी है और यही पीएम 10 बढ़ने की वजह है। एक्सपर्ट के अनुसार इस तरह के धूल भरे प्रदूषण में रहने पर लोगों को कफ, एलर्जी, लंग इंफेक्शन, दिल की बीमारी आदि का खतरा होता है। वहीं इस धुंधले माहौल के बीच मंगलवार की सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर इस धूल की वजह से विजिबिलिटी भी 3.5 किलोमीटर रही जो शाम तक कम होकर 1.5 किलोमीटर रह गई। ईपीसीए के चेयरमैन डॉ. भूरे लाल के अनुसार स्थिति पर हम नजर रखे हुए हैं। सिविक एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं। यदि 24 घंटे तक इसी तरह का प्रदूषण स्तर रहता है तो उचित कदम उठाए जाएंगे।
राजस्थान की धूल राजस्थान की बजाय दिल्ली-एनसीआर को प्रदूषित कर रही है। सीपीसीबी व अन्य प्रदूषण कंट्रोल एजेंसियां इस समय दिल्ली में बढ़े प्रदूषण की वजह राजस्थान की धूल को मान रही हैं। राजस्थान की आंधी की वजह से हवाओं के साथ वहां की धूल दिल्ली में पहुंच रही हैं। लेकिन एयर इंडेक्स की बात करें तो धूल के बावजूद राजस्थाान में इस समय दिल्ली-एनसीआर से कम प्रदूषित है।
राजस्थान के कई शहर में तो एयर इंडेक्स 200 से भी नीचे हैं। दिल्ली एनसीआर की फिजा में सोमवार से ही धूल की मोटी परत दिखाई दे रही है। जिसकी वजह से लोगों का दम घुटने लगा है। लोगों को काफी अधिक परेशानियां हो रही हैं। GRAP के अनुसार 16 घंटों से पीएम 10 का स्तर इमर्जेंसी से अधिक चल रहा है। एक्सपर्ट के अनुसार निश्चित तौर पर राजस्थान की धूल के अलावा लोकल वजहों से भी प्रदूषण बढ़ा है। दिल्ली में इस समय जमीनी स्तह पर हवाएं तेज हैं। ऐसे में राजस्थान की धूल के साथ दिल्ली की धूल भी शामिल हो रही है और प्रदूषण बढ़ रहा है। इस समय दिल्ली में 7000 से 15000 फिट उंचाई तक धूल की चादर देखी जा रही है। इससे कब छुटकारा मिलेगा कहना कठिन है।

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