रांची। आज 24 अगस्त को मेन रोड स्थित राजधानी गेस्ट हाउस में उर्दू के नामवर अफसाना निगार डॉ अहमद सग़ीर के सम्मान में जलेस रांची की एक गोष्ठी आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता जसम के राज्य सचिव अनिल अंशुमन ने की.
इस बैठक में तीन कहानियां पढ़ी गयीं .नजमा नाहिद ने दान का दिल , आफरीन अख्तर ने हाउस वाइफ और तीसरी कहानी लीनचिंग का पाठ महफूज़ आलम ने किया.ये कहानियां आज की परिस्थिति की तर्जुमानी करती हुई दिखाई देती हैं.
इन कहानियों पर बोलते हुए डॉ अहमद सग़ीर ने कहानी की तकनीक,शिल्प एवं कथ्य पर विस्तृत चर्चा की.
उन्होंने अपनी मशहूर कहानी मसीहाई की चर्चा करते हुए कहा कि ये कहानी चरित्र के विरोधाभास को दर्शाती है
मिठू मंडल ने चंदा मामा कविता का पाठ किया.एज़ाज़ अनवर ने अपनी एक खूबसूरत ग़ज़ल सुनाई.
अनिल अंशुमन ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि परिस्थिति की भयावहता को देखते हुए रचना कर्म को तेज करना होगा और लोगों को कविता,कहानियों के माध्यम से जागरूक करने की ज़रूरत है.
बैठक का संचालन एमज़ेड खान एवं धन्यवाद ज्ञापन असदकी ने किया
मुख्य उपस्थिति काशीनाथ मंडल,ख़ालिक़,आफरीन,नाहिद,आलिया आदि
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें