रांची। कांग्रेस के आठ वर्तमान विधायकों में तीन कभी भी पाला बदल सकते हैं। उनमें बरही विधायक मनोज यादव, लोहरदगा विधायक सुखदेव भगत और पांकी विधायक देवेंद्र सिंह बिट्टू के नाम शामिल हैं। तीनों विधायक भाजपा आलाकमान के संपर्क में बताए जा रहे हैं। एक-दो रोज में इसकी विधिवत घोषणा हो सकती है। यह चर्चा झारखंड में ही नहीं दिल्ली दरबार में भी है। हालांकि विधायकों ने अभी तक ऐसे कोई संकेत नहीं दिए हैं। फिर भी यदि ऐसा हुआ तो कुछ ही माह बाद होने वाले चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर गंभीर असर पड़ेगा।
झारखंड राज्य के गठन से पहले झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति
मोर्चा ही मुख्यधारा की पार्टियां हुआ करती थीं। लेकिन झारखंड राज्य के गठन में
भाजपा की मुख्य भूमिका होने के कारण वह मुख्यधारा में आ गई। आज स्थिति यह है कि
विपक्षी दलों के लिए अपने अस्तित्व की रक्षा करना मुश्किल हो गया है। केंद्र में
मोदी सरकार बनने के बाद ऱाज्य में भाजपा और भी मजबूत हो गई है। पहली बार रघुवर दास
के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार बनी है जो अपना कार्यकाल पूरा करने जा
रही है।
राजनीतिक स्थिरता के कारण इस अवधि में 14 वर्षों से थमा हुआ विकास का
पहिया भी घूमने लगा है। विकास सिर्फ कागजों पर नहीं ज़मीन पर भी दिखने लगा है। इस
बीच कांग्रेस, झामुमो, झाविमो आदि विपक्ष की भूमिका में खरे नहीं उतरे। घिसे-पिटे
मुद्दों पर ही सरकार को घेरने का प्रयास करते रहे। विधायकों को आज की तारीख में
कांग्रेस के अंदर अफना भविष्य संकट में दिखाई दे रहा है। उन्हें सत्ता का स्वाद
चखने का अवसर मिलने की निकट भविष्य में कोई संभावना नज़र नहीं रही है। लिहाजा अपने राजनीतिक करियर के लिए वे
भाजपा की ओर आकर्षित हो रहे हैं। बशर्ते उनकी उम्मीदवारी सुनिश्चित रहने की गारंटी
हो। कांग्रेस ही नहीं झामुमो और झाविमो के भी कई विधायक भाजपा के संपर्क में बताए
जा रहे हैं। चुनाव के पहले काफी फेरबदल की संभावना बनी हुई है।
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