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बुधवार, 28 अगस्त 2019

महिलाओं को रोजगार से जोड़ रहे हैं उपेंद्र


छोटे से उद्यम में दो दर्जन महिला कर्मी कार्यरत

रांची। सामाजिक सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को स्वावलंबी बनाना वर्तमान समय की मांग है। इस दिशा में हरमू निवासी उद्यमी उपेंद्र कुमार ने सकारात्मक सोच के साथ कदम बढ़ाया है। उन्होंने लघु व कुटीर उद्योग के अंतर्गत निबंधित अपने छोटे से उद्यम में लगभग दो दर्जन महिलाओं को रोजगार से जुड़ने का अवसर प्रदान किया है। शहर के वार्ड संख्या 35 अंतर्गत अरगोड़ा- कटहल मोड़ रोड पर अवस्थित इलाही नगर मार्ग संख्या दो में उन्होंने अपना एक छोटा सा उद्यम " कैलिबर टू " स्थापित किया है। इसमें बैटरी में उपयोग आने वाली पानी की पैकेजिंग की जाती है। इस उद्यम में कार्यरत कर्मचारियों में अधिकतर महिलाएं हैं। इलाही नगर व आसपास के इलाकों की बेरोजगार युवतियों को अपने उद्योग- व्यवसाय से जोड़कर उपेंद्र कुमार उन्हें रोजी-रोटी मुहैया कराने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इस संबंध में उपेंद्र बताते हैं कि स्थानीय महिलाओं के एक समूह को उन्होंने अपने इस उद्यम में काम करने के लिए जोड़ रखा है। महिलाएं इस उद्यम को अपना समझ कर लगन, परिश्रम और ईमानदारी से काम में जुटी रहती हैं। महिलाओं के परिश्रम से जूम ब्रांड का बैटरी का पानी काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसकी आपूर्ति पूरे झारखंड में की जा रही है। वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के कथनानुसार  वे रोजगार देने वाले उद्यमियों में शामिल हैं। कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि रोजगार करने वाले ही नहीं, रोजगार देने वाले भी बनें। उपेंद्र मुख्यमंत्री के सपनों को साकार करने में सफल हो रहे हैं। वह कहते हैं कि सरकार से थोड़ा सहयोग मिले, तो इस दिशा में और बेहतर कार्य कर सकते हैं। अभी तक उन्हें न तो किसी प्रकार का ऋण मिल पाया है और ना ही कोई सरकारी सहायता। वह संघर्षशील उद्यमी के रूप में अपने बलबूते इस प्रतिष्ठान को संचालित कर रहे हैं। उनका यह प्रयास एक ओर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ इससे महिला सशक्तिकरण को बल मिल रहा है। उपेंद्र बताते हैं कि उनके छोटे से इस उद्यम में महिलाओं को अपने कार्यों में जुटे देखकर उन्हें बेहद सुखद अनुभूति होती है। उनका मानना है कि समाज में महिलाओं को उपेक्षित रखे जाने की वजह से महिलाएं आत्मनिर्भर नहीं हो पाती हैं। वर्तमान समय की मांग है कि महिलाएं स्वावलंबी बनें। महिला सशक्तिकरण के बिना विकास संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने इस दिशा में एक छोटी सी पहल की है। अपने उद्यम में उन्होंने सभी कार्यों के लिए महिलाओं को प्राथमिकता दिया है। उनका कहना है कि समाज में महिलाओं को समुचित सम्मान मिले, इस दिशा में सभी को सामूहिक प्रयास करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि उनके इस उद्यम में स्थानीय महिलाएं तन-मन से जुड़कर अपने कार्यों में जुटी रहती हैं। महिलाएं उनके उद्यम से जुड़कर काफी खुश हैं। उपेंद्र कुमार कहते हैं कि इसी प्रकार उद्यमियों और व्यवसायियों को अपने प्रतिष्ठान में कार्य के अनुसार महिलाओं को भी प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
 महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। किसी मायने में महिलाएं पुरुषों से कम नहीं है। इसलिए महिलाओं को भी समाज में समुचित स्थान दिया जाना चाहिए। इससे महिला सशक्तिकरण का सपना साकार हो सकेगा और हमारा देश व समाज मजबूत होगा।

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