कंपनी सेक्रेट्री की परीक्षा में अनुंडल की पहली सफल परीक्षार्थी बनी हर्षा
निर्धारित अवधि में मिली कामयाबी, बधाई देने वालों का लगा तांता
प्रतिनिधि
चक्रधरपुर। चक्रधरपुर की बेटी सुश्री हर्षा केजरिवाल ने अनुमंडल का नाम रौशन किया है. वह पहली छात्रा है, जिसने कम्पनी सेक्रेटरी (सीएस) की परीक्षा पास की है. इससे पूर्व किसी बालक या बालिका ने यह सफलता हासिल नहीं की थी. चक्रधरपुर ठठेरा मुहल्ला निवासी शैलेश केजरिवाल व उनकी धर्मपत्नी शोभा केजरिवाल की सबसे बड़ी सुपुत्री हर्षा के इस सफलता पर केवल उनके परिवार के सदस्य नहीं बल्कि परिवार को जानने वाले लोग भी हर्षित हैं. उन्हें बधाई देने वालों की संख्या सैंकड़ों में पहुंच गई है. हर्षा ने निर्धारित चार सालों में इस कामयाबी को हासिल की. इस्टीच्यूट ऑफ कम्पनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया नई दिल्ली द्वारा आयोजित परीक्षा का परिणाम 25 अगस्त को निकला था. जिसमें हर्षा भी सफल रही है. पुरे भारत वर्ष में मात्र 14 बच्चों को ही रैंक मिला था. ये बच्चे परीक्षा के तीनों चरण में एक साथ सफल हुए हैं. हर्षा दो चरण में कामयाब बनी है. हर्षा बताती है कि कुल तीन समूह की परीक्षा होती है. मैं पहले चरण में दो समूह तथा दूसरे चरण में अंतिम समूह की परीक्षा में सफल रही. पुरे चार साल का वक्त तीनों समूह की परीक्षा पास करने में लगा. हर्षा अब आगे पुणे, हैदराबाद या फिर नई दिल्ली में जॉब करना चाहती है. हर्षा ने संत जेवियर्स इंगलिश स्कूल से मैट्रिक व केंद्रीय विद्यालय चक्रधरपुर से आईकॉम की पढ़ाई करने के बाद सीएस की पढ़ाई की शुरूआत जमशेदपुर से की. कोलकाता के एस चोरारिया एंड एसोसिएट से प्रशिक्षण पुरी की. हर्षा की छोटी बहन श्रद्धा भी सीए फाइनल इयर की पढ़ाई कर रही है. अपने माता-पिता के योगदान को याद कर वह कहती है कि यदि उनका साथ और भरोसा हमें नहीं मिला होता तो शायद यह सफलता मैं हासिल नहीं कर सकती थी.
निर्धारित अवधि में मिली कामयाबी, बधाई देने वालों का लगा तांता
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चक्रधरपुर। चक्रधरपुर की बेटी सुश्री हर्षा केजरिवाल ने अनुमंडल का नाम रौशन किया है. वह पहली छात्रा है, जिसने कम्पनी सेक्रेटरी (सीएस) की परीक्षा पास की है. इससे पूर्व किसी बालक या बालिका ने यह सफलता हासिल नहीं की थी. चक्रधरपुर ठठेरा मुहल्ला निवासी शैलेश केजरिवाल व उनकी धर्मपत्नी शोभा केजरिवाल की सबसे बड़ी सुपुत्री हर्षा के इस सफलता पर केवल उनके परिवार के सदस्य नहीं बल्कि परिवार को जानने वाले लोग भी हर्षित हैं. उन्हें बधाई देने वालों की संख्या सैंकड़ों में पहुंच गई है. हर्षा ने निर्धारित चार सालों में इस कामयाबी को हासिल की. इस्टीच्यूट ऑफ कम्पनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया नई दिल्ली द्वारा आयोजित परीक्षा का परिणाम 25 अगस्त को निकला था. जिसमें हर्षा भी सफल रही है. पुरे भारत वर्ष में मात्र 14 बच्चों को ही रैंक मिला था. ये बच्चे परीक्षा के तीनों चरण में एक साथ सफल हुए हैं. हर्षा दो चरण में कामयाब बनी है. हर्षा बताती है कि कुल तीन समूह की परीक्षा होती है. मैं पहले चरण में दो समूह तथा दूसरे चरण में अंतिम समूह की परीक्षा में सफल रही. पुरे चार साल का वक्त तीनों समूह की परीक्षा पास करने में लगा. हर्षा अब आगे पुणे, हैदराबाद या फिर नई दिल्ली में जॉब करना चाहती है. हर्षा ने संत जेवियर्स इंगलिश स्कूल से मैट्रिक व केंद्रीय विद्यालय चक्रधरपुर से आईकॉम की पढ़ाई करने के बाद सीएस की पढ़ाई की शुरूआत जमशेदपुर से की. कोलकाता के एस चोरारिया एंड एसोसिएट से प्रशिक्षण पुरी की. हर्षा की छोटी बहन श्रद्धा भी सीए फाइनल इयर की पढ़ाई कर रही है. अपने माता-पिता के योगदान को याद कर वह कहती है कि यदि उनका साथ और भरोसा हमें नहीं मिला होता तो शायद यह सफलता मैं हासिल नहीं कर सकती थी.
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