विकास में सहायक हैं कृषि क्षेत्र में निवेश : प्रदीप कुमार हजारे
रांची। कृषि क्षेत्र में निवेश विकास में सहायक है। झारखंड में कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों के सहारे उपलब्धियां हासिल हो रही है। यह शुभ संकेत है। झारखंड सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में कृषि के क्षेत्र में 7000 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया है। खाद्यान्न उत्पादन और डेयरी के क्षेत्र में भी संतोषप्रद कार्य हो रहे हैं। उक्त बातें झारखंड सरकार के कृषि विभाग के विशेष सचिव प्रदीप कुमार हजारे ने शुक्रवार को होटल चाणक्य बीएनआर में एसोचैम की ओर से आयोजित खाद्य, कृषि व डेयरी से संबंधित नेशनल समिट सह पुरस्कार समारोह के तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में नई तकनीक विकसित होने से खाद्यान्न उत्पादन में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की जा रही है। कृषि के क्षेत्र में निवेश का आंकड़ा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में हालांकि कृषि के क्षेत्र में हो रहे निवेश का परफेक्ट डाटा उपलब्ध नहीं होने की वजह से इस क्षेत्र में विकास का सही अनुमान नहीं लगाया जा पा रहा है। लेकिन कृषि उत्पादन में लगातार हो रही वृद्धि से यह स्पष्ट पता चलता है कि कृषि के क्षेत्र में संतोषजनक विकास हो रहा है। उन्होंने बताया कि झारखंड से लगभग पांच करोड़ की सब्जियों का निर्यात पटना व दिल्ली सहित अन्य शहरों में किया जाता है। यहां की सब्जियां झारखंड के अलावा पड़ोसी राज्यों में भी भेजी जा रही है। सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में झारखंड का विशेष स्थान है। कृषि, खाद्यान्न और गव्य विकास के क्षेत्र में झारखंड आगे बढ़ रहा है। इस अवसर पर तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए एमिटी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ.आरके झा ने कहा कि झारखंड में कृषि, खाद्यान्न उत्पादन और डेयरी तथा पशुपालन के क्षेत्र में भी सराहनीय विकास हो रहा है। इससे आर्थिक विकास में भी वृद्धि हो रही है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए राय विश्वविद्यालय के प्रोवीसी डॉ. पीयूष रंजन ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में हो रहे नित नए अनुसंधान से खाद्यान्न उत्पादन में हो रही वृद्धि सराहनीय है। डेयरी और पशुपालन के क्षेत्र में निवेशकों की अभिरुचि बढ़ रही है। यह राज्य के आर्थिक विकास में सहायक होगा। वही एमवे इंडिया इंटरप्राइजेज के वाइस प्रेसिडेंट सीबी चक्रवर्ती ने कहा कि कृषि उत्पादों के उत्पादन और विपणन की पर्याप्त व्यवस्था होने से कृषि के क्षेत्र में और अधिक विकास संभव है। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता नई दिल्ली के फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक डॉ जितेंद्र दास ने की। वहीं समिति के शुभारंभ में एसोचैम के क्षेत्रीय निदेशक भरत जायसवाल ने स्वागत भाषण दिया और सम्मेलन की महत्ता पर प्रकाश डाला। समिट का आयोजन एसोचैम की ओर से किया गया था। इस कार्यक्रम के प्रेजेंटिंग पार्टनर एमवे इंडिया इंटरप्राइजेज और फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, दिल्ली थे। समिट में काफी संख्या में विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
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