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शनिवार, 10 अगस्त 2019

संसद और मीडिया परस्पर सहयोगी: वेंकैया नायडू



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*★उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने "देश के विकास में छोटे राज्यों की भूमिका" विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित किया।
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*★ छोटे राज्यों के गठन से विकास और गुड गवर्नेंस को मिल रहा बढ़ावा*

*-- द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल*
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*★अगले 10 वर्षो में दुनिया के विकसित देशों की बराबरी करेगा झारखंड*

*--रघुवर दास, मुख्यमंत्री*
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रांची। स्वतंत्र लोकतांत्रिक व्यवस्था का मीडिया अहम् अंग है. संसद और मीडिया परस्पर एक-दूसरे के सहयोगी हैं क्योंकि ये दोनों जनसरोकार और जन भावनाओं को प्राथमिकता देते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति जनता का विश्वास बना रहे, इसके लिए मीडिया की निष्पक्षता काफी मायने रखती है। भारतीय संविधान में भी मीडिया की स्वतंत्रता को मौलिक अधिकारों के विस्तारित रूप में देखा जा सकता है. उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने रांची के रेड्डीशन ब्लू में प्रभात खबर के स्थापना दिवस पर "देश के विकास में छोटे राज्यों की भूमिका" विषय पर आय़ोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए ये बातें कही. उपराष्ट्रपति ने कहा कि जन समर्थन और जनता का विश्वास जीते बगैर कोई भी आंदोलन सफल नहीं हो सकता है और इसमें मीडिया कारगर रोल निभा सकता है. मीडिया के सहयोग से ही विकास की गति को तेज की जा सकती है और समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों को सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के साथ उसका फायदा दिलाया जा सकता है.

*आजादी की लड़ाई से ही मीडिया निभाता आ रहा है अहम् रोल*

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया का महत्व इसी बात से लगाया जा सकता है कि आजादी की लड़ाई के दौरान इसका इस्तेमाल लोगों तक संदेश पहुंचाने में किया जाता था. देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे कई नेताओं द्वारा हिंदी समेत विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में समाचार पत्रों का
प्रकाशन किया जाता है. इन समाचार पत्रों के जरिए लोगों को आजादी की लड़ाई ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बगावत फूंकने के लिए प्रेरित करने में होता था. हालांकि आज के दौर में मीडिया में काफी बदलाव आए हैं. आज प्रिंट मीडिया के साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और न्यू मीडिया दस्तक दे चुकी है. लेकिन, मीडिया का स्वरुप चाहे कोई भी हो, उसे जन सरोकार से हमेशा जुड़े रहना
चाहिए. यह मीडिया के साथ जनता और देश के हित में है.

*लिखे हुए शब्दों की मर्यादा हमेशा बरकरार रहेगी*

श्री नायडू ने कहा कि मीडिया में आ रहे बदलावों के बीच भी समाचार पत्रों की अपनी अलग अहमियत है, क्योंकि लिखे हुए शब्दों की मर्यादा हमेशा बरकरार रहती है. एक बार अगर समाचार पत्र में कुछ छपा तो उसे बदला नहीं जा सकता है. इतना ही तकनीक ने प्रिंट मीडिया को पाठकों तक पहुंच को काफी आसान बना दिया है. आज समाचार पत्रों के आनलाइन संस्करण से इसकी लोकप्रियता बढ़ी है. देश-दुनिया में कोई भी व्यक्ति कहीं से भी किसी भी समाचार पत्र के किसी भी संस्करण को देख और पढ़ सकता है. इतना ही नहीं, पुरानी समाचार पत्रों को भी कभी आसानी से पढ़ा जा सकता है. इस तरह प्रिंट मीडिया को आधुनिक तकनीक से काफी सशक्त बना दिया है.

*जन सरोकारों के प्रति जवाबदेह बने मीडिया*

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया को जन सरोकारों के प्रति जवाबदेह बने रहना होगा. जन समस्याओं को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का दायित्व निभाना होगा. इससे जनता का विश्वास न सिर्फ सरकार के प्रति बल्कि मीडिया के प्रति भी बढ़ेगा. लेकिन, मीडिया को अपनी मर्यादा का भी ख्याल रखने की जरूरत है. समाज में सनसनी और भ्रामकता फैलाने वाली खबरों को प्रसारित करने से बचना चाहिए. इसके साथ फेक और पेड न्यूज से भी दूरी बनाए रखनी होगी. मीडिया के लिए यह भी जरूरी है कि दलीय राजनीति से दूरी बनाए रखकर जनहित से जुड़े मुद्दे उठाने चाहिए. यह न सिर्फ मीडिय़ा बल्कि समाज और देश के हित में है.

*हिंदी के बिना हिंदुस्तान का आगे बढ़ना मुमकिन नहीं*


उपराष्ट्रपति ने कहा कि हिंदी के बिना हिंदुस्तान का आगे बढ़ना मुमकिन नहीं है. हिंदी पूरे देश को एक सूत्र में जोड़ती है. लोगों को एक-दूसरे के करीब लाती है. लेकिन, यह भी जरूरी है कि हर व्यक्ति को अपनी मातृभाषा जरूरी सीखनी चाहिए. घरों में हमें अपनी भाषा में बातचीतकरना चाहिए. इससे अपनापन महसूस होता है. उन्होंने यह भी कहा कि भाषा और भावनाएं एक साथ चलती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में आज बदलाव लाने की जरूरत है, क्योंकि इसमें कहीं न कहीं कुछ दोष हैं, जो लोगों को अपनी परंपरा, संस्कृति और इतिहास से दूर कर रही है.

*संसदीय व्यवस्था में चर्चा और वाद-विवाद के बाद ही होता है कोई निर्णय*

उपराष्ट्रपति ने इस बात पर बल दिया कि भारतीय संसदीय व्यवस्था में कोई भी निर्णय सांसदों-विधायकों के बीच चर्चा और वाद-विवाद के बाद लिया जाता है. जम्मू कश्मीर में धारा 370 समाप्त करने में भी इसी व्यवस्था का पूरी तरह पालन किया गया.

*लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में हो रहा फायदा*

राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि इससे गुड गवर्नेंस और विकास को बढ़ावा मिल रहा है. खासकर झारखंड जैसे राज्य को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिल रहा है. खनिज संपदा से समृद्ध इस राज्य में संसाधनों का इस्तेमाल यहां के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में हो रहा है. छोटे राज्यों के गठन से पंचायत स्तर तक विकास और जन कल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने में आसानी हो गई है. लोगों को इसका सीधा फायदा मिल रहा है. इन राज्यों में सुविधाओं का विस्तार हुआ है और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रही है.

*शासन-प्रशासन तक जनता की पहुंच हो गई है आसान*

राज्यपाल ने कहा कि छोटे राज्यों के गठन से शासन-प्रशासन तक जनता की पहुंच काफी आसान हो गई है. लोग अपना समस्याओं को अपने जन प्रतिनिधियों के पास सीधे रख सकते हैं. इससे उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से हो रहा है. यह बात न सिर्फ छोटे राज्यों के गठन तक सीमित है, बल्कि पंचायती राज व्यवस्था मे भी काफी कारगर साबित हो रहा है. उन्होंने इस मौके पर मीडिया के रोल पर बोलते हुए देश के विकास में इसे काफी अहम बताया.

*देश के विकास में मीडिया का सकारात्मक रोल*

संगोष्ठी को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि समाचार पत्रों का भी एक राष्ट्रीय दायित्व है। वे देश एवं राज्य के विकास में अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सकते है. पत्रकारिता एक मिशन है. मीडिया से देश-दुनिया की जानकारी प्राप्त होती है. मीडिया समाज का आईना होता है. उन्होंने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता होनी चाहिये. समाचार पत्र के कारण ही लोगों को संसद एवं विधानसभी की कार्रवाही की जानकारी प्राप्त होती है. उन्होंने कहा कि शब्द का महत्व होता है इसलिये जो कुछ भी लिखे सोच समझ कर लिखे.

*झारखंड के लोगों के सपने को पूरा कर रही हमारी सरकार*

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड के लोंगों के सपने पूरा करने का काम हमारी सरकार ने किया है. आने वाले 10 वर्षों में झारखण्ड विकसित देशों के समकक्ष खड़ा रहेगा. इसके लिये हमारी सरकार हर सेक्टर में काम कर रही है. पर्यटन को विकसित कर राज्य के युवाओं को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं. झारखण्ड अलग होने के बाद उग्रवाद हमें विरासत में मिली थी लेकिन अब राज्य में उग्रवाद अंतिम सांसे गिन रहा है. हमने सरेंडर पॉलिसी भी बनाई है ताकि मुख्यधारा से भटके लोग हमारी बनाई गई पॉलिसी की मदद से सरेंडर कर अपने आने वाले भविष्य को संवार सके. उन्होंने कहा कि राज्य में अमन, शांति के लिये पुलिस-प्रशासन दिन रात काम कर रही है. इसके लिये वे बधाई के पात्र है.

*हर क्षेत्र में विकास की लिखी जा रही इबारत*

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने 18 वर्ष पूर्व झारखण्ड, छत्तीसगढ़ एवं उतरांचल तीन नये राज्य दिये लेकिन झारखण्ड में पिछले 14 वर्षों से स्थायी सरकार नहीं रहने के कारण इस क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया. 2014 में जनता ने राज्य में स्थायी सरकार के लिये वोट किया और हमारी सरकार आने के बाद पिछले साढ़े चार वर्षो से लगातार राज्य में विकास के नये आयाम गढ़े जा रहे है. शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क आदि क्षेत्रों में अप्रत्याशित कार्य हुये है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड बने हुये 19 वर्ष हुये है लेकिन झारखण्ड का इतिहास पुराना और गौरवशाली है. धरती आबा बिरसा मुण्डा, सिदो कान्हू जैसे झारखण्ड के वीर सपूतों ने देश की स्वतंत्रता में अपना खून बहाया है.

*धारा-370 समाप्त होने से पूरे देश के लिए अब एक ही कानून*

मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे राज्यों बनने से गुड गर्वेनेंस एवं विकास में आसानी होती है. देश के विकास में छोटे राज्यों का अहम योगदान होता है. झारखंड में तेजी से हो रहे विकास कार्य इसी ओर इशारा कर रहे हैं. नए राज्य के गठन से लोगों को अपने शासन-प्रशासन से करीब आने का मौका मिलता है. जम्मू कश्मीर से धारा 370 एवं 35A के हटने का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में भी संसद द्वारा बनाये कानून लागू होंगे. जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा. कश्मीर घाटी आतंकवाद मुक्त हो, देश के अन्य हिस्सों में जिस तरह विकास हो रहा है, उसी तरह कश्मीर में भी विकास होगा.

*उपेक्षित इलाकों में विकास की किरण पहंचाने में सहूलियत*

संगोष्ठी में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रधान संपादक श्री आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि छोटे राज्यों के गठन से उन इलाकों में विकास की किरण पहुंचाने में सहूलियत हो गई है जो लंबे समय से उपेक्षित थे. छोटे राज्यों के गठन से लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में और बिजली-पानी-सड़क के विकास का मार्ग तेजी से प्रशस्त हुआ है. इससे स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार सहित अन्य सभी क्षेत्रों का सम्यक और समान तरीके से विकास हो रहा है. झारखंड के संदर्भ में छोटे राज्यों का गठन काफी सार्थक साबित हुआ है. मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड अब तेजी से विकसित हो रहे राज्यों की कतार में शामिल हो चुका है.

*इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्खेनीय योगदान करने वाले शख्सियतों को झारखंड गौरव सम्मान से नवाजा गया.*

*समारोह में राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश नारायण सिंह, सांसद श्री संजय सेठ, महापौर श्रीमती आशा लकड़ा, चीफ पोस्मास्टर जेनरल, झारखंड सर्किल श्रीमती शशि शालिनी कुजूर, राज्यसभा के सेक्रेटरी जेनरल दीपक वर्मा सहित कई गणमान्य उपस्थित थे.

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