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बुधवार, 25 जुलाई 2018

संसद में राहुल की कनखी पर एक काव्य प्रतिक्रिया

पलकों का कमाल

-रामार्चा किशोर

पलकों के संदेश में मात देने का
विजयी खयाल है
संसद में नायाब हरकतों का
अद्भुत बवाल है
नायाब हरकतों को
मातृत्व का शालीन आवरण देने का प्रयास
बेमिसाल है
प्रजातंत्र के प्रहरियों के उच्च आचरण का पुष्प
अब एक सवाल है....
सवाल है।


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