रांची। झारखंड में मिजल्स रुबेला टीकाकरण अभियान की शुरुआत 26 जुलाई 2018 से की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी इस अभियान का शुभारंभ करेंगे। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने आज सूचना भवन सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मिजल्स रुबेला टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने वाला झारखंड देश का सोलहवां राज्य है। नवजात शिशु मृत्युदर कम करने के उद्देश्य से राज्य में यह अभियान शुरू किया जा रहा है। यह टीका 9 महीने से लेकर 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को निशुल्क दी जायेगी। इस अभियान के तहत राज्य के सभी सरकारी विद्यालय और निजी विद्यालय के बच्चों का टीकाकरण किया जायेगा।
श्रीमती खरे ने बताया कि यह शिशु टीका राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी निशुल्क दी जायेगी। यह टीका पूर्णतः सुरक्षित है। इस टीका के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों के बीच जागरूकता बढ़ा रहे हैं। इस टीकाकरण अभियान से राज्य के एक करोड़ से अधिक बच्चों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिये राज्य के 497 केंद्रों से इसकी निगरानी की जायेगी।
स्वास्थ्य विभाग की उप निदेशक डाॅक्टर बीणा सिन्हा ने बताया कि राज्य में नवजात से पांच वर्ष तक के शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है। वर्ष 2011 में प्रति हजार 54 शिशु मृत्यु दर था जो अब 2018 में घटकर 33 शिशु मृत्यु दर प्रति हजार है. इसे और कम करना है। उन्होंने बताया कि खसरा एक जानलेवा रोग है जो कि वायरस द्वारा फैलता है। खसरा, बच्चों में विकलांगता और असमय मृत्यु का कारण बनती है। उन्होंने बताया कि रुबैला भी एक संक्रामक रोग है जो वायरस से फैलता है इसके कारण असमय गर्भपात, बहरापन और हृदय से संबंधित रोग होता है। अभियान के दौरान यह प्रयास किया जायेगा कि सभी बच्चों को टीकाकरण का लाभ मिले। इसके लिये पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग समेत कई विभाग का सहयोग लिया गया है। इसमें यूनीसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ-साथ कई स्वयं सेवी संगठन भी सहयोग कर रहे हैं।
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
श्रीमती खरे ने बताया कि यह शिशु टीका राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी निशुल्क दी जायेगी। यह टीका पूर्णतः सुरक्षित है। इस टीका के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों के बीच जागरूकता बढ़ा रहे हैं। इस टीकाकरण अभियान से राज्य के एक करोड़ से अधिक बच्चों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिये राज्य के 497 केंद्रों से इसकी निगरानी की जायेगी।
स्वास्थ्य विभाग की उप निदेशक डाॅक्टर बीणा सिन्हा ने बताया कि राज्य में नवजात से पांच वर्ष तक के शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है। वर्ष 2011 में प्रति हजार 54 शिशु मृत्यु दर था जो अब 2018 में घटकर 33 शिशु मृत्यु दर प्रति हजार है. इसे और कम करना है। उन्होंने बताया कि खसरा एक जानलेवा रोग है जो कि वायरस द्वारा फैलता है। खसरा, बच्चों में विकलांगता और असमय मृत्यु का कारण बनती है। उन्होंने बताया कि रुबैला भी एक संक्रामक रोग है जो वायरस से फैलता है इसके कारण असमय गर्भपात, बहरापन और हृदय से संबंधित रोग होता है। अभियान के दौरान यह प्रयास किया जायेगा कि सभी बच्चों को टीकाकरण का लाभ मिले। इसके लिये पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग समेत कई विभाग का सहयोग लिया गया है। इसमें यूनीसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ-साथ कई स्वयं सेवी संगठन भी सहयोग कर रहे हैं।
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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