जन-दबाव
में प्रशासन ने मुक्त किया आंदोलनकारी नीतेश ठक्कर को
उत्तम
मुखर्जी
धनबाद। केंद्र व राज्य सरकार की जनविरोधी
भूमिका के खिलाफ कोयले की राजधानी धनबाद का कतरास शहर सुलग उठा है। पूरा शहर ठप्प
पड़ा हुआ है। एक साल पहले केंद्र ने इस रूट पर चलनेवाली 26 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन बन्द कर दिया
है। ज़मीन के नीचे कोयले पर लगी आग के कारण सम्भावित खतरे का मंत्रालय ने बहाना
बनाया है।बिना वैकल्पिक व्यवस्था किये इतना बड़ा फैसला लेने पर जनता बेहद नाराज़ है।
एक साल से यहां क्रमिक विकास मंच के नीतेश ठक्कर व पार्षद विनोद गोस्वामी के
नेतृत्व में आंदोलन चल रहे हैं। इस रूट से होकर राज्य की राजधानी रांची,उड़ीसा व दक्षिण के राज्यों में ट्रेनों
का आवागमन था।
इस
क्षेत्र में बीसीसीएल के पांच महत्वपूर्ण क्षेत्र अवस्थित हैं। आंदोलन के कारण
कोयले का परिवहन भी ठप्प पड़ा हुआ है।
इस
बीच जागो संस्था के प्रमुख राकेश रंजन यादव ने बताया कि कॉर्पोरेट घरानों के इशारे
पर कोयला निकालने के लिए सरकार जनविरोधी कदम उठा रही हैं।
नीतेश ठक्कर को पुलिस द्वारा गुपचुप तरीके से
उठाए जाने पर भी जनता आक्रोशित है। अंततः
मध्यपूर्व रेलवे के महाप्रबंधक ने प्रभावित क्षेत्र का मुआयना किया। पूर्व मंत्री
ओपी लाल समेत अन्य ने उनसे बातचीत की। अंग्रेजों की रेल को आज की सरकार ने
तहस नहस कर दिया।पूरे शहर में सन्नाटा छाया हुआ है। ठेला,खोमचावाले,आमलोग,गरीब-गुर्बे भूखमरी के शिकार हो
गए।स्थिति इतनी भयावह है कि लोग अब शहर छोड़कर भागने लगे।
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