विनय मिश्र
चक्रधरपुर। किसी ने सच ही कहा है दोस्त और दोस्ती की परिभाषा गढ़ना आसान नहीं। यकीन ना हो तो ये तस्वीर देख लीजिए। तस्वीर फ्रेंडशिप डे के शाम की है। दोस्तों की एक टोली रेस्टोरेंट में मस्ती कर रहे हैं। ये मस्ती और प्यार भरा उमंग कुछ खास है। खास इसलिए है क्योंकि शिक्षाविद निरूप प्रधान गरीब बच्चों के साथ फ्रेंडशिप डे मना रहे हैं। उनके साथ हंसी ठिठोली अपनापन और प्यार बांट रहे हैं। जहां बैठकर खाना इनके लिए महज एक ख्वाब था, उस ख्वाब को हकीकत बनाकर निरूप अपने हाथों से उन्हें रेस्टोरेंट का खाना खिला रहे हैं। गरीब बच्चों ने निरूप के साथ मिलकर जमकर मस्ती की है। निरूप इन बच्चों को अपने दोस्त की तरह प्यार देते हैं। इससे पहले निरूप ने इन बच्चों को कपड़े आदि चीजें भी खरीद कर दी है। दोस्ती छोटा बड़ा अमीर गरीब नहीं बल्कि हर दीवार को तोड़कर प्यार के अहसास के लिए हाथ बढ़ाने का भी नाम है, जिसे निरूप ने साबित किया है।
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