अब सरकारी करेगी रिकवरी
संयुक्त सचिव ने की जनसंवाद के 15
मामलों की समीक्षा।
गिरिडीह में दुष्कर्म व हत्या के
मामले में त्वरित कार्रवाई का निर्देश।
रांची। गढ़वा
स्थित गोपीनाथ इंटर कॉलेज की मान्यता रद्द होगी। इस संबंध में झारखंड अधिविद्य
परिषद ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को पत्र लिखा है। साथ ही एक भवन में
दो-दो कॉलेज दिखाकर सरकार से लिए गए अनुदान राशि की रिकवरी भी कराई जाएगी। इस बात
की जानकारी आज स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के नोडल अधिकारी ने जनसंवाद केंद्र
की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री सचिवालय के संयुक्त सचिव रमाकांत सिंह
को दी। श्री सिंह ने आज सूचना भवन में मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में दर्ज लंबित
शिकायतों की जिलावार समीक्षा की। इस दौरान 15 शिकायतों की विशेष समीक्षा भी की गई।
गढ़वा में एक ही भवन में
इंटर महाविद्यालय व महिला महाविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। एक भवन में दो-दो
संस्थान दिखाकर सरकार से अनुदान भी लिया जा रहा है। इस बात की शिकायत जनसंवाद
केंद्र में आई। जांच में पाया गया कि व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इसके बाद
विभाग ने कार्रवाई शुरू की। संबन्धित विभाग के नोडल अधिकारी ने बताया कि कॉलेज की
मान्यता रद्द करने से संबन्धित पत्र निर्गत कर दिया गया है। संयुक्त सचिव ने कहा
कि इस मामले में गलत तरीके से अनुदान राशि लेने की बात भी सामने आ चुकी है। इसलिए
अनुदान राशि के रिकवरी को लेकर भी कार्रवाई शुरू करें। उन्होंने स्पष्ट निर्देश
दिया कि इस माह के अंत तक मामले में सभी कार्रवाई पूर्ण करें।
गिरिडीह के बिरनी में वर्ष
2014 नवंबर में एक युवती की हत्या की गई थी। मामले में पिता ने कई लोगों को आरोपी
बनाते हुये कार्रवाई की मांग की थी। घटना के 4 साल बीतने के बाद भी अब तक कोई
कार्रवाई नहीं हो पायी है। जबकि इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में
स्पष्ट कहा है कि उक्त युवती के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की गई है। अब तक पुलिस
अपराधियों तक नहीं पहुँच सकी है। इस मामले में संयुक्त सचिव ने पूछताछ की। एआईजी
टू डीजीपी डॉ॰ शम्स तबरेज ने गिरिडीह के डीएसपी को निर्देश दिया कि इस मामले में
बागोदर सरिया के एसडीपीओ, पुलिस इंस्पेक्टर व अन्य पुलिस
पदाधिकारियों के साथ बैठकर गहन समीक्षा करें। पुलिस अधीक्षक के साथ बैठकर इसका
रिवियू करें व कार्रवाई सुनिश्चित करें। मामला काफी संवेदनशील है, इसलिए इसमें पूरी तरह से गंभीरता बरती जाये।
खूंटी में जाति, आय व आवासीय प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था में गांवों की
हल्कावार सूची नहीं रहने के कारण समस्या का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त सचिव ने
इस मामले में अविलंब कार्रवाई करते हुये समस्या का निष्पादन करने का निर्देश दिया।
धनबाद के ओलिन रवानी की 6
माह की पुत्री हृदय रोग से ग्रसित है। इसका इलाज दुर्गापुर मिशन अस्पताल से होना
है,
जहाँ 1 लाख 6 हजार का खर्च बताया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री
गंभीर बीमारी योजना के तहत सहायता के लिए इन्होंने आवेदन दिया है, परंतु अब तक इन्हें सहायता राशि नहीं मिली है। इस बाबत नोडल अधिकारी ने
बताया कि आवंटन नहीं होने के कारण इन्हें सहायता उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।
संयुक्त सचिव ने एक सप्ताह के अंदर आवंटन उपलब्ध कराते हुये इलाज हेतु भुगतान का निर्देश
दिया।
4 वर्ष पूर्व बोकारो से
लापता दो बहनों का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। इस बाबत इनके पिता ने अपहरण की
आशंका जताते हुये मामला भी दर्ज कराया परंतु अब तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है।
परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है। इस मामले में बोकारो के डीएसपी ने बताया कि
पुलिस लगातार अनुसंधान व अन्य कार्रवाई कर रही है परंतु अब तक इनका कुछ पता नहीं
चल पा रहा है। मामले में एआईजी टू डीजीपी ने एसपी के साथ मिलकर मामले की समीक्षा व
गहन अनुसंधान करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि पिता ने जिनपर आरोप लगाया है, उनपर भी नजर रखते हुये कार्रवाई करें। किसी भी हाल में दोनों बहनो को
ट्रैस करें। आवश्यकता पड़े तो पुनः पुलिस टीम को उड़ीसा भेजें।
धनबाद की अन्ना कुमारी ने
वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत लाभ लेने हेतु निरसा प्रखण्ड
कार्यालय में आवेदन दिया था परंतु अब तक इन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। इस
संबंध में विभाग का कहना है कि इन्हें भुगतान किया जा चुका है। नोडल अधिकारी ने
बताया कि मामले की जांच अभी चल रही है। शीघ्र ही निष्पादन की दिशा में कार्रवाई की
जाएगी। संयुक्त सचिव ने एक सप्ताह के अंदर मामले को निष्पादित करने का निर्देश
दिया।
खूंटी के ईश्वरी नरसिंह
मुंडा की हत्या 2011 में नक्सलियों ने कर दी थी। मृतक की पत्नी भरोसी टूटी ने
उपायुक्त कार्यालय में नौकरी व मुआवजा के लिए आवेदन भी दिया, परंतु अब तक कोई पहल नहीं की गई है। इस संबंध में गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि सामान्य शाखा खूंटी से इस मामले
में प्रतिवेदन प्राप्त है। संचिका पर कार्य चल रहा है। शीघ्र ही समस्या का
निष्पादन कर दिया जाएगा। संयुक्त सचिव ने कहा कि पीड़ित को अविलंब नौकरी व मुआवजा
देने की दिशा में कार्य करते हुये मामले का निष्पादन करें।
पलामू के पोखरा उत्क्रमित
मध्य विद्यालय में 40 विद्यार्थियों को छात्रवृति प्रधानाध्यापक ने नहीं दी।
शिकायत आई थी कि छात्रवृति वितरण में प्रधानाध्यापक ने अनियमितता बरती है। मामले
की जांच में शिकायत सही पायी गई। आरोपी प्रधानाध्यापक को निलंबित कर उनके खिलाफ
प्रपत्र ‘क’ का गठन किया गया है। विद्यार्थियों को छात्रवृति
भुगतान के संबंध में पूछे जाने पर नोडल अधिकारी ने बताया कि जिन विद्यार्थियों को
छात्रवृति का भुगतान नहीं हो पाया है, उन्हें प्रधानाध्यापक
के वेतन में कटौती कर, उसी पैसे से छात्रवृति दिया जाएगा। संयुक्त
सचिव ने कहा कि उस प्रक्रिया में काफी वक़्त लग सकता है। इसलिए संबन्धित विभाग से
बात कर छात्रवृति भुगतान की दिशा में कार्रवाई की जाये।
पाकुड़ के अनुपडांगा गाँव
में चिमू शेख, मुस्तक शेख एवं बकार शेख द्वारा 7 साल पूर्व आम
रास्ता पर अतिक्रमण कर लिया गया है। अंचल अधिकारी के नोटिस देने के बावजूद अब तक
अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। इतना ही नहीं, उसी सड़क पर स्थित
एक चापाकल को भी तोड़कर वहाँ घर बना लिया गया है। इस मामले में पूछे जाने पर नोडल
अधिकारी ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। संयुक्त सचिव ने 15 दिन के अंदर उक्त सड़क
को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया।

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