झारखंड में हार्स ट्रेडिंग के जरिए दल बदल का विवाद
भाजपा नेताओं का कहना है कि बाबूलाल मरांडी का
काउंटडाउन शुरू हो चुका है। इसके जवाब में झाविमो के केन्द्रीय प्रवक्ता योगेन्द्र
प्रताप सिंह ने कहा कि बाबूलाल जी का राजनीतिक व कानूनी काउंटडाउन शुरू करने की
ताकत लोकतंत्र की हत्या करने वाली भाजपा में नहीं है। हां, राजनीति को व्यापार समझने वाली भाजपा
सत्ता व अन्य सक्षम एजेंसियों का दुरूपयोग कर अपने काउंटडाउन को चार वर्षो तक जो
रोक रखा था, वह अब प्रारंभ जरूर हो चुका है। 2019
में इनका फानल काउंटडाउन जनता कर देगी। भाजपा वालों में बौखलाहट इस कदर है कि
उन्हें सपने में भी केवल बाबूलाल जी ही दिख रहे हैं। चूंकि चोर अधिक शोर मचाता है
इसलिए भाजपा वाले मामले की इंटरपोल से नहीं बल्कि देश की सबसे बड़ी एजेंसी सीबीआई
से ही जांच करा लें। पत्र फर्जी है या सही इसका फैसला न तो हम झाविमो नेता करेंगे
और न ही भाजपा नेता। यह काम कोई जांच एजेंसी ही कर सकती है। वहीं श्री सिंह ने कहा
कि रवीन्द्र राय जी नौटंकी बंद करें। रवीन्द्र राय व उनकी पूरी टीम को अनलीगल काम
को लीगल तरीके से अंजाम देना था। उन्हें पता था कि देर-सबेर लोकतंत्र को कलंकित
करने वाला यह पत्र बाहर आयेगा ही इसलिए पूरी संभावना है कि उन्होंने बड़ी चतुराई से
किसान मोर्चा वाला अपना पुराना लेटर हेड का उपयोग किया ताकि समय पर वे दांव-पेंच
कर सकें। रवीन्द्र जी आज वही कर रहे हैं। यह कोई मामूली पत्र नहीं है। इस पत्र में
राज्य में पिछले तीन साल से अधिक समय से चल रहे दल-बदल के आरोपी विधायकों की लगाई
गई कीमत व उसमें शामिल पूरे गिरोह का नाम दर्ज है। रवीन्द्र राय कहते हैं कि यह
पत्र पिछले कई माह से विचरण कर रहा है तो रवीन्द्र राय जी ने इस पत्र को सार्वजनिक
क्यों नहीं किया ? उन्होंने यह क्यों नहीं बतलाया कि उनके
लेटर हेड पर लिखा एक फर्जी पत्र उनकी व उनकी पार्टी की छवि को धूमिल कर रहा है ? अगर वास्तव में पत्र पहले से घूम रहा
है तो स्पष्ट है कि भाजपा इस पत्र को दबाने में लगी हुई थी। पहले भाजपा द्वारा इस
पत्र को छुपाना और अब सीबीआई जांच से कतराना सारी सच्चाई बयां कर रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें