सार्थक कल की शुरूआत परिवार नियोजन के साथ का दिया मंत्र
रांची। झारखंड में विश्व जनस्खा दिवस के अवसर पर जनसंख्या स्थिरता
पखवारा की शुरुआत की गई। इसका विधिवत उद्घाटन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र
चंद्रवंशी ने किया। इस मौके पर श्री चद्रवंशी ने कहा कि राज्य सरकार ने परिवार
नियोजन की दिशा में अनेक कदम उठाये हैं परन्तु इन्हें सार्थक बनाने के लिए और भी
अधिक कठोर कदम उठाना आवश्यक है। देश के स्वर्णिम भविष्य के लिए हमें कुछ ऐसे
निर्णय भी लेने होंगे जिसका दूरगामी परिणाम सुखद हो। यदि समय रहते इस दिशा में देश
व्यापी जागरूकता उत्पन्न होती है, तो निःसंदेह हम विश्व के अग्रणी देशों में अपना स्थान बना सकते है।
जनसंख्या में वृद्धि के कई कारण है जिसे दूर करने की आवश्यकता है। गरीबी, अशिक्षा रूढ़िवादिता तथा संकीर्ण विचार जनसंख्या वृद्धि के अन्य कारण है।
वे आज नामकुम, राँची में ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के उपलक्ष्य
में राज्य स्तरीय जनसंख्या स्थिरता पखवारा का उद्घाटन कर रहे थे।
इस अवसर पर विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि पिछले तीन वर्षों में 341529 महिला बंध्याकरण एवं पुरूष
नसंबदी कराई गई। पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1586 पुरूष नसबंदी तथा 99820 महिला बंध्याकरण तथा 1,30,000 आई0यू0सी0डी0 लगाये गये है। इस उपलक्ष्य में स्वास्थ्य विभाग
ने इस वर्ष 11 जुलाई से 24 जुलाई 2018 तक जनसंख्या स्थिरता पखवारा मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने जनसंख्या
स्थिरिता पखवारा का मंत्र ‘‘एक सार्थक कल की शुरूआत परिवार नियोजन के साथ’’ को सफल
बनाने का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर निधि खरे, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य
चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, ने कहा कि झारखण्ड
का आर्थिक वृद्धि दर भारतवर्ष में प्रथम स्थान रखता है परन्तु इसका लाभ राज्य के
आम जनता तक नहीं पहुँच पा रहा है उनके जीवन स्तर में आवश्यक बदलाव नहीं आ रहे है
इसका मुख्य कारण जनसंख्या वृद्धि दर है। अतः जनसंख्या स्थिरता की बात करना समय की
माँग है। उन्होंनें सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निदेश दिया कि सभी गर्भवती
महिलाओं की जाँच सुनिश्चित की जाय तथा उनका सक्रिय परिवार नियोजन से संबंधित
परामर्श की जाय।
श्रीमती खरे ने कहा कि अभी
हाल में ही सदर अस्पताल राँची तथा रिम्स में मैटरनीटि वार्ड में किये गये भ्रमण के
दौरान सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को सख्त निदेश दिया था कि प्रत्येक संस्थागत
प्रसव की माताओं को सक्रिय परामर्श की सेवा दी जाय तथा उसका उचित फोलोअप किया जाय।
उन्होंने कहा कि राज्य में 18 वर्ष से कम उम्र के लडकियों की होने वाली शादी लगभग 38 प्रतिशत है जो चिन्ता का विषय है। उन्होंने सभी सहियाओं को निदेश की अपने कार्य
क्षेत्र में अभियान चलाकर जागरूकता पैदा करें जिससे की कम उम्र की किशोर-किशारियों
की शादी पर रोक लगे। इसे अपनी सामाजिक जिम्मेवारी समझे तथा आवश्यकता पड़ने पर अपने
उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दें।
उन्होंने सहिया तथा ए0एन0एम0 को
सभी योग्य दम्पत्तियों का सर्वे घर-घर जाकर करने का निदेश दिया तथा इस पखवारे में
प्रत्येक सहिया को 10 एवं प्रत्येक ए0एम0एम0 को 50 नये परिवार नियोजन
संबंधी लाभुक तैयार करने की जिम्मेवारी दी जिससे कि परिवार नियोजन के कार्यक्रम
में गतिशालता आये। उन्होंने परिवार नियोजन कोषांग को निदेश दिया कि आवश्यकता
अनुसार चिकित्सा पदाधिकारियों एवं ए0एन0एम0 की प्रशिक्षण की व्यवस्था करें जिससे उनके
कार्यो की गुणवत्ता में सुधार हो। पखवारा का निरंतर अनुश्रवण करने का निदेश दिया।
उन्होंने विश्व जनसंख्या दिवस के मेला पखवारा का मंत्र ‘‘जोड़ी जिम्मेदार जो प्लान
करे परिवार’’ को सफल बनाने का संकल्प लिया गया। पखवारा का अनुश्रवण, ब्लॉक स्तर, जिला स्तर तथा राज्य स्तर पर करने को
निर्देश दिया जिससे की वांछित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके।
इस अवसर पर कृपानन्द झा, अभियान निदेशक, राष्ट्रीय
स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड, डॉ0 राजेन्द्र पासवान, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएँ,
डॉ0 जे0पी0सिंह, निदेशक, स्वास्थ्य
सेवाएँ डॉ0 शिवशंकर हरिजन, सिविल सर्जन,
राँची तथा डॉ0 आर0के0सिंह राज्य नोडल पदाधिकारी, परिवार नियोजन कोषांग
उपस्थित थे।

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