रांची। जिले की प्रसिद्ध समाजसेवी एवं नशा मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त के आंदोलन कर्ता निपु सिंह ने तीस अगस्त को अपने जन्मदिन के अवसर पर पौधा रोपण किया इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पौधा लगाना बड़ी बात नहीं है बल्कि पौधा का देखभाल करके उस पौधा को बड़ा करना बड़ी बात है श्री सिंह ने कहा कि पौधा हर कोई लगाता है लेकिन देख रेख नहीं करने के कारण पौधा नष्ट हो जाता है उन्होंने कहा कि पौधा और जल अनमोल रत्न है आज उसके अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है यही स्थिति रही तो आने वाले समय में लोग पानी के लिए लड़ेंगे और शुद्ध हवा के लिए तरसेंगे अभी से ही सभी लोगों को पौधा और जल बचाने के लिए आगे आना चाहिए श्री सिंह ने कहा कि जीवन और प्रकृति के बीच घनिष्ठ संबंध है गंगा भारतीय सभ्यता और संस्कृति की पहचान है अब वह गंदगी धोने वाली नाली के समान हो गई है ऐसे ही रहा तो एक दिन गंगा का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा उन्होंने कहा कि आने वाले पीढ़ी के लिए पौधा और पानी बचाना बहुत ही जरूरी है और इस दोनों को प्रतिदिन देख रेख करना भी जरूरी है नहीं तो आने वाले दिन में ऑक्सीजन और पानी के लिए तरसेंगे लोग श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि विनाश का कारण दिखावटी सामान आज हमारे देश में हो गया है और प्रकृति के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना ही बेमानी होगा महिला हो या पुरुष हर व्यक्ति को यह ठान लेना चाहिए कि अपने जीवन में मात्र दो पौधे लगाएंगे और उसका निर्वाहक पूर्वक देख रेख करेंगे तभी अपना और अपने आने वाले पीढ़ी के जिंदगी का खुशहाल करेंगे
यह ब्लॉग खोजें
गुरुवार, 30 अगस्त 2018
निपु सिंह ने अपने जन्मदिन पर लगाया पौधा
रांची। जिले की प्रसिद्ध समाजसेवी एवं नशा मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त के आंदोलन कर्ता निपु सिंह ने तीस अगस्त को अपने जन्मदिन के अवसर पर पौधा रोपण किया इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पौधा लगाना बड़ी बात नहीं है बल्कि पौधा का देखभाल करके उस पौधा को बड़ा करना बड़ी बात है श्री सिंह ने कहा कि पौधा हर कोई लगाता है लेकिन देख रेख नहीं करने के कारण पौधा नष्ट हो जाता है उन्होंने कहा कि पौधा और जल अनमोल रत्न है आज उसके अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है यही स्थिति रही तो आने वाले समय में लोग पानी के लिए लड़ेंगे और शुद्ध हवा के लिए तरसेंगे अभी से ही सभी लोगों को पौधा और जल बचाने के लिए आगे आना चाहिए श्री सिंह ने कहा कि जीवन और प्रकृति के बीच घनिष्ठ संबंध है गंगा भारतीय सभ्यता और संस्कृति की पहचान है अब वह गंदगी धोने वाली नाली के समान हो गई है ऐसे ही रहा तो एक दिन गंगा का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा उन्होंने कहा कि आने वाले पीढ़ी के लिए पौधा और पानी बचाना बहुत ही जरूरी है और इस दोनों को प्रतिदिन देख रेख करना भी जरूरी है नहीं तो आने वाले दिन में ऑक्सीजन और पानी के लिए तरसेंगे लोग श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि विनाश का कारण दिखावटी सामान आज हमारे देश में हो गया है और प्रकृति के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना ही बेमानी होगा महिला हो या पुरुष हर व्यक्ति को यह ठान लेना चाहिए कि अपने जीवन में मात्र दो पौधे लगाएंगे और उसका निर्वाहक पूर्वक देख रेख करेंगे तभी अपना और अपने आने वाले पीढ़ी के जिंदगी का खुशहाल करेंगे
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बांग्लादेशी मॉडल की ओर बढ़ता देश
हाल में बांग्लादेश का चुनाव एकदम नए तरीके से हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार...
-
मारवाड़ी युवा मंच महिला समर्पण शाखा द्वारा दो दिवसीय दिवाली मेला का आयोजन अग्रसेन भवन में किया जा रहा है | यह मेला 15 और 16 अक्टूबर...
-
मनोहरपुर। पुलिस और पब्लिक के बीच बेहतर समन्वय कायम करना समय की मांग है। लेकिन कम ही अधिकारी यह समायोजन कर पाते हैं। लेकिन सजग और कर्तव्य...
-
झारखंड सरकार के भू- राजस्व विभाग में संयुक्त सचिव और भू-राजस्व मंत्री अमर कुमार बाउरी के ओएसडी अवध नारायण प्रसाद जनप्रिय प्रशासनिक अधि...
-
नई दिल्ली। राष्ट्रीय किसान महासंघ की किसान अधिकार यात्रा पंजाब पहुंची। पंजाब-जम्मू कश्मीर बॉर्डर पर पंजाब के सैंकड़ों किसान साथियों ने माल...
-
*निखिल शिष्यों का समागम 22 से रांची। निखिल मंत्र विज्ञान, दिल्ली एवं अन्तर्राष्ट्रीय सिद्धाश्रम साधक परिवार, जोधपुर के तत्वावधान में...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें