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रविवार, 26 अगस्त 2018

जान जोखिम में डाल नदी पार करते हैं चतरा के ग्रामीण


* समाजसेवी सुधांशु सुमन ने की नदियों पर पुल बनाने की मांग

रांची / चतरा : चतरा  जिला नदियों का संगम स्थल है, जो कई नदियों के आपस में मिलने से हुआ है, लेकिन सेतु के अभाव में यह टापू बना हुआ है। उक्त बातें समाजसेवी सुधांशु सुमन ने कही। उन्होंने कहा कि  बरसात में कई नदियां उफान पर चल रही है। जिनमे प्रमुख रूप से नीलांजन ,मुहाने ,धुलकी ,बक्सा , बकुलिया ,तमसीन ,गाड़िया और द्वारपार नदी है। जो किसी न किसी रूप में राज्य मार्ग या झारखंड के किसी न किसी दूसरे जिले या नजदीकी प्रखंड ,शहर को जोड़ने का कार्य करती है। बरसात के मौसम में लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार कर अपने गंतव्य तक जाते हैं। सभी नदी पर सेतु बन जाये तो सभी गंतब्य स्थल की दूरी भी कम हो जाएगी और लोगों को आवागमन में भी सुविधा होगी। तिरंगा सम्मान यात्रा के सूत्रधार समाज सेवी सुधांशु सुमन ने सोमवार को मीडिया कर्मियों से कहा कि प्रत्येक दिन हज़ारो ग्रामीण पथिक जोखिम भरी जिंदगी जीने को विवश हैं। नदी के इस पार से उस पार होते रहते  है, जिनमे स्कूली बच्चे भी शामिल है । उन्होंने कहा कि झारखंड व केंद्र सरकार इसे गंभीरता से लेते हुए चतरा की  सभी नदियों पर  सेतु का निर्माण करे,जिससे लोगो की जान माल की सुरक्षा हो सके।इससे एक ओर ग्रामीणों के लिए आवागमन सुलभ होगा, वहीं व्यापार  का मार्ग भी प्रशस्त होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी ।

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