रांची।
झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार नवल किशोर सिंह का परिवार परेशान है। पटना जिले के बाढ़
अनुमंडल के एसडीओ द्वारा जमीन संबंधी मामले की जांच रिपोर्ट की मांग पर स्थानीय
पुलिस ने बिना किसी जांच के उनके बख्तियारपुर थानांतर्गत करनौती ग्राम स्थित पैतृक
गांव स्थित भूखंड पर धारा 144 और 107 की अनुशंसा कर दी है। उनके भाई सुनील सौरभ भी वरिष्ठ पत्रकार हैं और
गया में रहते हैं। उनके अनुज सुधीर सिंह गया में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम
करते हैं। नवल सिंह के पुत्र अमित कुमार( बबलू सिंह ) रांची में रहते हैं और
मीडिया से ही जुड़े हैं। इन तमाम लोगों को
बख्तियारपुर पुलिस ने विधि व्यवस्था के लिए खतरा बताते हुए धारा-107 लगाने की अनुशंसा की हैं। मामला ज़मीन
से जुड़ा है। करनौती के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में 5 डिसमिल ज़मीन का एक प्लाट नवल किशोर
सिंह के पिता स्व. बिंदेश्वरी सिंह के नाम है। उसपर कोई विवाद नहीं है। सर्किल
आफिस की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है। 2015
में एसडीओ कोर्ट ने भी कहा था कि जिनको विवाद लगता है वे कोर्ट में जाएं।
ग्रामीणों का कहना है कि फर्जी कागजात के आधार पर एक पक्ष द्वारा लंबे समय से
जानबूझकर विवाद पैदा किया जा रहा है। चूंकि पत्रकार नवल सिंह का परिवार बाहर रहता
है, इसलिए एक पक्ष के लोग जबरन जमीन पर अवैध
कब्जा करने की साजिश मे जुटे हैं। ऐसे तत्व स्थानीय थाना और पुलिस को अपने प्रभाव
में लेकर मनमाफिक श्री सिंह व उनके परिवार
के अन्य सदस्यों के विरुद्ध कार्रवाई
कराने में सफल हो जाते हैं। वे 144 लगवा सकते हैं , लेकिन कोर्ट में जाने का साहस नहीं कर
सकते, क्योंकि वहां उनके दस्तावेज़ फर्जी
साबित हो जाएंगे और लेने के देने पड़ जाएंगे।
प्राप्त
जानकारी के मुताबिक वास्तविकता यह है कि उक्त जमीन, मौजा – करनौती, खाता
नंबर 399, खेसरा नं. 1010, थाना नं. 133, रकवा 5 डिसमिल, पर स्व. बिन्देश्वरी प्रसाद सिंह का
कब्जा है, स्व. बिन्देश्वरी प्रसाद सिंह ने यह
जमीन 17 अप्रैल 1979 को गांव के ही उषा देवी, पति –स्व. भगवान दास से खरीदी थी।
ग्रामीणों का कहना है कि इस जमीन पर स्व.बिन्देश्वरी
सिंह व उनके पुत्रों का ही दखल-कब्जा रहा है। पूर्व में ग्राम पंचायत के तत्कालीन
मुखिया रामसागर सिंह ने भी दस्तावेज के आधार पर बिन्देश्वरी सिंह के दावे को वैध
करार दिया था। इधर एक पक्ष स्व. धर्मनाथ
सिंह के भतीजे श्रवण कुमार सिंह का मौखिक कहना है कि उक्त प्लाट के ढाई डिसिमिल
जमीन उनके चाचा स्व. धर्मनाथ सिंह ने खरीदी थी।
इस संबंध में यह मामला, बख्तियारपुर पुलिस के अप्राथमिकी
संख्या 02/2015 के प्रेषित आवेदन के आधार पर धारा 144 की कार्रवाई एसडीओ कोर्ट में शुरू की
गई, जहां एसडीओ कोर्ट ने 24.09.2015 को दोनों पक्षों से न्यायालय में जाकर
स्वत्व दायर करने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि जब पूर्व मे मामला एसडीओ कोर्ट
में चल रहा था, तब बख्तियारपुर के तत्कालीन थाना
प्रभारी के अनुरोध पर बख्तियारपुर के अंचलाधिकारी ने अपने अंचल निरीक्षक से पूरे
मामले की जांच कराई थी, जिसमें अंचल निरीक्षक रणधीर कुमार सिंह
ने अपने निष्कर्ष में यह कहा था कि उक्त विवाद, कागजात
एवं सामाजिक अनुशास्त के मद्देनजर एवं वर्तमान तथ्य जो प्रकाश में आता है, विवादित भूखण्ड पर बिन्देश्वरी प्रसाद
सिंह एवं उनके वारिसान का अधिकार वैध है।
है। किसी भी जमीन के वाद-विवाद की स्थिति में
अंचलाधिकारी कार्यालय ही मान्य करता है कि जमीन पर किसका कब्जा है या नहीं, वह कब्जा वैध है या अवैध, पर अंचलाधिकारी के निर्देश पर अंचल
निरीक्षक के जांच प्रतिवेदन को भी बख्तियारपुर पुलिस फिलहाल नहीं मान रही और जमीन
को विवादित बता रही है। इस मामले में भा.दं.सं की 107/116 के अंतर्गत संबंधित व्यक्तियों पर कार्रवाई करने की अनुमति
अनुमंडलाधिकारी से मांग ली। जिन पर 107/116 लगाया गया है,
वे हैं – प्रथम पक्ष – श्रवण कुमार
सिंह, तथा दूसरा पक्ष – सुनील सौरभ, सुधीर कुमार, बब्लू सिंह, सिन्टू सिंह, जबकि उक्त जमीन पर धारा 144 लगाते हुए दोनों पक्षों को भी समेट
लिया गया है, तथा 144 में नवल सिंह का नाम अलग से जोड़ दिया गया है।
यह
मामला बिहार में कानून का राज होने के दावे को संदिग्ध बना रहा है। इसमें
पुलिस-प्रशासन की भूमिका की गहन जांच की जरूरत है। फिलहाल पत्रकार परिवार ने एसडीओ
को वास्तविक तथ्यों से वगत कराते हुए न्यायसंगत कार्रवाई का अनुरोध किया है। साथ
ही स्थानीय पुलिस पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए पुलिस विभाग के आला
अधिकारियों से गुहार लगाई है। पत्रकार परिवार ने उम्मीद जताई है कि नीतीश सरकार
अपने सुशासन के मूल्यों का क्षरण नहीं होने देगी और ज़मीन पर अवैध कब्जे की किसी
कोशिश को कामयाब नहीं होने देगी।
नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार काफी बढ़ गया हैं,तथा प्रशासनिक अधिकारी तानाशाह हो गए है,और इन अधिकारियों का आमदनी काफी फल फूल रहा है .
जवाब देंहटाएंयह सुशासन का नमूना है।
जवाब देंहटाएं