यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

ज़िंदगी मिलेगी दोबारा ने एक साल में 1500 शवों को घर पहुंचाया

 रांची। झारखंड की राजधानी रांची में जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन की शुरुआत 5 नवंबर 2017 को हुए थी अपने 1 साल से भी कम समय में संस्था ने 1500  से भी अधिक शवों और मरीज़ों को घर तक पहुँचाने का काम कर चुका है। जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को फ्री में एंबुलेंस सेवा मुहैया करना है ताकि गरीब और जरूरतमंद शवो को सम्मान के साथ उसके घर तक पहुंचाने में सहायता दी जाए अपने 10 महीने के कार्यकाल में लगभग 1,500 सौ लोगो को फ्री एंबुलेंस सेवा दी। साथ ही साथ एम्बुलेंस में मुफ्त में बोतलबंद पानी,फोन तक की भी सुविधा दी जा रही है ताकि दुख के घड़ी में किसी तरह की परेसानी ना हो ...संस्था ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए फ्री एम्बुलेंस के साथ साथ मरीज के परिजनों को उसके साथ घर ले जाने के लिए एक पौधा भी दे रही है ताकि पर्यावरण हरा भरा रखा जा सके....

जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन का उद्देश्य गरीबों की सेवा करना है इस वजह से सुरुआत में 100 किलोमीटर की दूरी रखी गई थी लेकिन बहूत से ग़रीब मरीज़ जो झारखंड के बाहर से जो 100 किलोमीटर दूरी से भी आते थे और वे इतने ग़रीब थे की उतनी दूर की वजह से अपने मरीज़ों को नहीं ले जा सकते थे.. लेकिन संस्था ने अपने नियम को तोड़ कर 100 किलोमीटर दूरी से भी अधिक का सफ़र तय करके की सुरुआत की थी.. जिसमे मरीज़ों और शवों को कलकत्ता ,बिहार ,पटना ,पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहा,दुमका,गोड्डा,बंगाल , देवघर जैसे शहरों के अलावे 500 किलोमीटर से भी ऊपर की दूरी तय करके उनहे उनके घर तक पहुचाँया ....जिंदगी मिलेगी फाउंडेशन ने तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपनी सेवा मानवता के नाते इमानदारी से संस्था के द्वारा करते आई है और इसमे संस्था के सभी मेंबरों की बड़ी अहम भूमिका रही है सभी ने इस संस्था को चलाने में अपना पूरा सहयोग दिया है फिलहाल 4 एम्बुलेंस की सहायता सें रिम्स में रह कर फ्री एम्बुलेंस से ग़रीब मरीज़ों को सहायता के रूप में दी जा रही है|

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें *9709500007

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

बांग्लादेशी मॉडल की ओर बढ़ता देश

  हाल में बांग्लादेश का चुनाव एकदम नए तरीके से हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार...