रांची। स्थानीय प्रेस क्लब के सभागार
में साहित्यिक संस्था राष्ट्रीय कवि संगम ,नई दिल्ली की ग्रेटर रांची इकाई
द्वारा वृहत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें रांची शहर सहित धनबाद आदि से
आये हुए राज्य के प्रमुख कवि-शायर शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में
उपस्थित राज्य की वरिष्ठ साहित्यकार रेणु त्रिवेदी मिश्रा ने कहा कि ग्रेटर रांची इकाई
द्वारा मासिक रूप से किए जा रहे इस आयोजन से राज्य में सुषुप्त साहित्यिक
गतिविधियां निश्चय ही तेज हुई हैं। साथ ही नये एवं युवा साहित्यकारों को भी एक
प्रतिष्ठित मंच मिला है जिसकी नितांत आवश्यकता महसूस की जा रही थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए
ज्जने की ख्यातिनाम साहित्यकार माया प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा
रांची में ग्रेटर रांची इकाई द्वारा प्रारंभ की गई इस साहित्यिक श्रृंखला से रांची
के साहित्यिक माहौल में एक स्वस्थ एवं नई हलचल का प्रारंभ हुआ है जो स्वागत योग्य
है।
राष्ट्रीय कवि संगम, ग्रेटर रांची इकाई
के अध्यक्ष हरेन्द्र सिन्हा ने सभा को सूचित किया कि गत माह से आरंभ की गई कवि
गोष्ठी के इस कार्यक्रम को अब हर माह के मध्य में, यथासंभव किसी अवकाश के दिन, आयोजित करते रहने
की योजना है। इस गोष्ठी में मुख्यत: ओजपूर्ण तथा सामाजिक विषयों से संबंधित रचनाओं
को शामिल किया जायेगा।इस समूह में राय के उन चुनिंदा कवि कवियत्रियों को आमंत्रित
कर शामिल किया गया है जो श्रेष्ठ और लगातार लेखन कर रहे हैैं।इस समूह में चुनिंदा
नवांकुर कवि-शायरों को भी शामिल किया गया है।मासिक आयोजन में प्रस्तुत की गई
कविताओं को लेकर एक वार्षिक प्रकाशन भी मुद्रित कराने पर विचार किया जा रहा है। इस
प्रकार, ग्रेटर रांची इकाई राज्य में साहित्यिक गतिविधियों को एक श्रेष्ठ
और नई दिशा देने के लिए प्रयासरत है।
आज की इस गोष्ठी का सफल संचालन राष्ट्रीय ख्याति के कवि-संचालक
कुमार बृजेन्द्र द्वारा किया गया। बड़ी संख्या में उपस्थित कवि -कवियत्रियों
द्वारा अपनी नई रचनाएं प्रस्तुत की गईं । रेणु त्रिवेदी मिश्रा (लगी थी रात यहां
आग मज़हबी फिर से), शालिनी नायक(मज़हबे इंसानियत है ग़र बड़ा), हरेन्द्र
सिन्हा(पूरे हुए अरमां नहीं क़ातिल के देख ले),नंदा पाण्डेय (हां, बदल गई हूं मैं), असित कुमार (वह
कल्पना की छवि थी), मीता भाटिया (मैंने प्यार को देखा है), नीरज सिंह (फिर वो
पुरानी हवा चली है), धनबाद के अनंत महेंद्र (ओज की मूरत बनूंगा), नीतू सिंह तरंग
(मेरे सर पे ये सामान किसका है),
दिप्ती गुप्ता (मानव जीवन जबतक जीता)
आदि ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मन मोहते हुए भरपूर मनोरंजन किया। इनके अलावा
प्रसिद्ध कवियत्री माया प्रसाद सहित प्रकाश देवकुलिस,हिमकर वरयाम, मीरा सोनी,गिरिजा सोनी, विनोद सिंह, मो० इमरान और तन्मय
शर्मा आदि ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मनोरंजन किया।
इस अवसर पर विशेष गणमान्य अतिथियों
में दिनेश ,मीना सिंह, ललितादित्य, शनील सिन्हा,सुरभि,सिम्मी आदि भी उपस्थित थे।
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