अलग दुनिया ने की कानूनी कार्रवाई की मांग
लखनऊ। सामजिक सांस्कृतिक संस्था अलग दुनिया ने जनवादी लेखक संघ की वेबसाइट पर अपने घोषणापत्र मेँ दर्ज हरिजन शब्द पर घोर आपत्ति दर्ज करते हुये कहा है कि भारत सरकार को इस संगठन के खिलाफ इस शब्द के प्रयोग के कारण संगठन पर कानूनी कार्यवाही की जाये।
अलग दुनिया के महासचिव के . के . वत्स ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति में अपना बयान जारी करते हुये कहा कि यह कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बस्ट है कि वामपंथी विचारधारा का यह संगठन पिछले 35 वर्षो से अपने संघठन के घोषणापत्र मेँ इस शब्द का इस्तेमाल कर रहा है ! देश के वरिष्ठ साहित्यकर इसके करता धर्ता हैं !
इस संबंध मेँ दिल्ली से वरिध्ठ दलित साहित्यकार मोहनदास नैमिषाराय का कहना हैं कि यह आपराधिक कृत्य हैं .. केस दर्ज हो जिससे ऐसे शब्दोँ का इस्तेमाल भविष्य मेँ कोई न कर सके !
आगरा से वरिध्ठ दलित साहित्यकार मलखान सिँह ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि ये वामपंथी संगठनों के जातिवादी चरित्र को दिखाता है ! दिल्ली यूनिवर्सिटी के अकेड्मिक काउंसिल के सदस्य प्रोफ . हंसराज सुमन का कहना है कि जब केरल मेँ जब दलित शब्द पर भी आपत्ति है तो हरिजन शब्द का इस्तेमाल क्यूँ ! ये तो गलत और घोर निंदनीय है ! हिन्दी की प्रसिद्द पत्रिका मंतव्य के संपादक हरे प्रकाश उपाध्याय का कहना है कि जलेस के सारे पधाधि करियो को एक हफ्ते के लिये सफाई कार्य कराना चाहिये तभी ये दलित होने के दंश को समझ पायेंगे !
यदि जलेस ने हफ्ते भर में दलित समुदाय से सार्वजनिक माफी नही मांगी तो अलग दुनिया इसके खिलाफ देशव्यापी अभियान चलायेगा।
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