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रविवार, 7 जुलाई 2019

सीएम ने किया वृहत वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ

रांची स्थित जुमार नदी के तट से शुरू हुआ अभियान
राज्य के 24 जिला, 44 नदी तट, 64 स्थान, 244 किमी क्षेत्र और 8.25 लाख पौधारोपण 1 माह में होगा
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 राज्य के केंदू पत्ती संग्राहक समिति को 10 करोड़ 16 लाख 24 हजार की राशि उपलब्ध कराई गई।  सांकेतिक तौर पर पांच समितियों को राशि प्रदान की
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सीएम रघुवर दास की अपीलः

★ समस्त राज्य वासी इस अभियान में एक एक पौधा जरूर लगाएं और सप्ताह में एक दिन श्रम दान करें।

★जंगल, जमीन, जल और जलवायु हमारी अमानत--भूमि, मिट्टी, पौधा, पानी और प्राणी का प्रबंधन करें।

★करम पूजा और सरहुल पर करम के 1-1 लाख पौधे लगाये जायेंगे।

★ 2014 के बाद .29℅ हुई वन क्षेत्र में वृद्धि
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रांची। झारखण्ड के 24 जिलों के 44 नदी तट, 64 स्थल, 244 किलोमीटर का क्षेत्र और 8.25 लाख पौधरोपण एक माह में होगा। वन विभाग, वन समितियों और आम लोगों के सार्थक प्रयास को नमन। आपके प्रयास का प्रतिफल है कि 2014 के बाद राज्य के वन क्षेत्र में .29% की वृद्धि दर्ज की गई। एक बार पुनः समय आ गए है आप फिर अपने हिस्से का एक पौधा लगाएं और उसे पेड़ बनाएं। झारखण्ड को उसके नाम के अनुरूप वनों से आच्छादित करने में राज्य सरकार को सहयोग करें। क्योंकि जल, जंगल, जमीन और जलवायु हमारी अमानत है और इसका संरक्षण करना हमारा पुनीत कर्तव्य। ये बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने रांची के बोड़या स्थित जुमार नदी के तट पर आयोजित नदी महोत्सव सह वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम में कही।

हमारी संस्कृति से जुड़े करम वृक्ष के 1 लाख पौधे लगाए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की संस्कृति से जुड़े करम पर्व और सरहुल पर्व के दौरान करम के1-1 लाख पौधे लगाए जाएंगे। करीब 60 हजार करम के पौधे 2018 में लगाए गए थे। ऐसा करने का तात्पर्य इस बात पर निहित है कि क्योंकि सरहुल और करम पर्व प्रकृति जुड़े हमारे महत्वपूर्ण पर्व हैं। पुरातन काल से ही पेड़ पौधे हमारी संस्कृति और पूजा- पाठ से जुडे रहें हैं और रहेंगे।

सरकार विकास करेगी, लेकिन प्रकृति का संरक्षण भी होगा
सरकार की मंशा बिल्कुल स्पष्ट है। सरकार जो भी विकास कार्य करेगी उसमें प्रकृति के संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जाएगा। हम सभी को पता है कि पानी वही बरसता है, जहां पेड़ होंगे, पेड़ नहीं होंगे तो वर्षा नहीं, वर्षा नहीं तो फसल नहीं। इस लिए भूमि, मिट्टी, पौधा, पानी और प्राणी का प्रबंधन करें, ताकि आनेवाली और वर्त्तमान पीढ़ी का जीवन सुखमय हो। इसी अनुरूप सरकार भी कार्य करेगी और राज्य की जनता से भी यही अपेक्षित है।

जल प्रबंधन की गंभीरता पर विचार जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में जल संकट को देखते हुए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है, जिससे जल प्रबंधन की दिशा में कार्य हो सके। दूषित जल की समस्या से देश और राज्य जूझ रहा है। शिशु और मातृ मृत्यु दर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। जल प्रबंधन अभियान इस दिशा में अपनी सार्थक भूमिका दर्ज करेगा।



अपने लगाए पौधे की रक्षा करें
मुख्यमंत्री ने समस्त राज्य वासियों से अपील की कि इस अभियान में एक एक पौधा जरूर लगाएं और सप्ताह में एक दिन श्रम दान करें। अपने लगाए पौधे की रक्षा करें उसे सूखने ना दें।



प्रकृति के साथ विकास सही मायने में विकास-मुख्य सचिव

मुख्यसचिव श्री डी के तिवारी ने कहा कि अब विकास के मायने बदल रहें हैं। बड़े बड़े भवन बना देना ही विकास नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ विकास करना सही मायने में विकास है। आज वृहद वृक्षारोपण अभियान इस सामंजस्य को स्थापित करने की पहल है। हमें स्वच्छ जल, पेड़, झरने चाहिये इसके लिए प्रकृति के साथ किसी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं। *प्रधानमंत्री इस अभियान को और गति देने के लिए कैम्पा योजना के तहत चार हजार एक सौ करोड़ की राशि उपलब्ध करा रहें हैं ताकि प्रकृति का श्रृंगार हरियाली से किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने वन विभाग की 2018 वृक्षारोपण कार्यक्रम से संबंधित लघु पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान मुकुंद नायक ने अपनी प्रस्तुति दी।

मुख्यमंत्री ने स्वयं मांदर की थाप देकर इस अभियान को सांस्कृतिक उत्सव का रूप दिया।

इस अवसर पर सांसद रांची श्री संजय सेठ, विधायक कांके श्री जितुचरण राम, खिजरी विधायक श्री रामकुमार पाहन, मुख्यसचिव श्री डी के तिवारी, अपर मुख्य सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग श्री इंदु शेखर चतुर्वेदी सचिव राजस्व, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, हेड ऑफ फारेस्ट श्री संजय कुमार, सचिव राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार श्री के के सोन, उपायुक्त रांची श्री राय महिमापत रे, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री अनीश गुप्ता, उपमहापौर श्री संजीव विजयवर्गीय, श्री सुरेन्द्र महतो, स्कूली बच्चे, एनसीसी कैडेट्स व ग्रामीण उपस्थित थे।

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